अमृतसर: पंजाब और हरियाणा की सीमा पर शंभू बॉर्डर से 101 किसानों का एक समूह शुक्रवार को दोपहर एक बजे दिल्ली की ओर पैदल मार्च शुरू कर दिया। इन किसानों की मुख्य मांगें फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को कानूनी रूप से सुनिश्चित करना और अन्य कृषि संबंधी मुद्दों पर केंद्र से दबाव बनाना हैं। हरियाणा की सीमा पर सुरक्षा बलों की भारी तैनाती की गई है ताकि कानून और व्यवस्था बनी रहे।
इस बीच, हरियाणा सरकार ने अंबाला जिले के 11 गांवों में मोबाइल इंटरनेट और बल्क एसएमएस सेवा को 9 दिसंबर तक निलंबित करने का आदेश दिया। यह प्रतिबंध दंगढेरी, लोहरगढ़, मनकपुर, दड़ियाना, बरी घेल, ल्हर्स, कालू माजरा, देवी नगर, सड्डोपुर, सुल्तानपुर और काकड़ू गांवों में लागू किया गया। अंबाला प्रशासन ने जिले के सभी सरकारी और निजी विद्यालयों को शुक्रवार को बंद रखने का आदेश दिया। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने किसानों के जत्थे को 'मरजीवड़ा' कहा, जो किसी भी उद्देश्य के लिए अपनी जान देने को तैयार हैं। उन्होंने मार्च को शांतिपूर्वक आयोजित करने की बात कही और हरियाणा प्रशासन द्वारा रोक लगाए जाने की आलोचना की।
किसान नेता सतनाम सिंह पन्नू, सुरिंदर सिंह चौटाला, सुरजीत सिंह और बलजिंदर सिंह मार्च का नेतृत्व कर रहे हैं। किसानों का कहना है कि वे केवल आवश्यक वस्तुएं लेकर जा रहे हैं और उनके साथ कोई ट्रैक्टर-ट्रॉली नहीं होगी। इस मार्च को संयुक्त किसान मोर्चा और किसान मजदूर मोर्चा के बैनर तले आयोजित किया गया है। किसानों ने इससे पहले दिल्ली कूच करने की घोषणा की थी, लेकिन सुरक्षा बलों द्वारा उन्हें रोके जाने के बाद वे 13 फरवरी से शंभू और खनौरी बॉर्डर पर डेरा डाले हुए हैं।