पंजाब के कारोबारी ने एक दर्जन फर्जी कंपनियां दर्शाकर और नकली जीएसटी नंबर से 107 करोड़ रुपये के गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स (जीएसटी) घोटाले को अंजाम दे डाला है । बद्दी में 15 दिन पहले खुले माल एवं सेवा कर महानिदेशालय इंटेलिजेंस विभाग शिमला जोन ने इसका भंडाफोड़ किया गया है। मंडी गोविंदगढ़ के कमल आहूजा पर आरोप है कि इन्होंने बद्दी, बरोटीवाला, नालागढ़, पांवटा, कालाअंब और परवाणू समित कई जगह फर्जी कंपनियां दर्शाकर करोड़ों के इस घोटाले को अंजाम दिया। आधा दर्जन कंपनियों में इन्होंने खुद को डायरेक्टर बताया तो इतनी ही और कंपनियां किसी और के नाम से दर्शा दीं गयी है। जीएसटी का फर्जी नंबर जनरेट कर नकली बिलों से आहूजा हिमाचल के उद्योगों को कच्चा माल बेचने का रिफंड लेता रहा है । परन्तु कंप्यूटर में जब इन नंबरों का मिलान किया तो फर्जी जीएसटी नंबर का खुलासा हो गया है । विभाग ने आरोपी को गिरफ्तार कर 100 फीसदी जुर्माना बार बार आहूजा की निजी संपत्ति को कब्जे में लेकर 19.20 करोड़ रुपये वसूल कर लिए हैं।
ऐसे हुआ खुलासा
विभाग के अधिकारियों ने छानबीन में पाया कि कारोबारी ने 107 करोड़ के जाली बिल पंजाब, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश में अलग-अलग नाम से काटे हुए हैं। जिन नामों से बिल कटे थे, उन ठिकानों पर अधिकारी पहुंचे तो कोई भी नहीं मिला था । स्थानीय लोगों से पूछताछ की तो बताया गया कि यहां ऐसी कोई कंपनी नहीं है।
इसके अलावा अधिकारी आहूजा तक पहुंचे और उसे कस्टडी में लेकर पूछताछ की गई। इसके बाद करोड़ों के इस घोटाले का खुलासा हुआ है। उल्लेखनीय है कि जीएसटी में हिमाचल प्रदेश का पहला ऐसा मामला सामने आया है। वही विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी और कई मछलियां इसमें फंसने वाली हैं।
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