नई दिल्ली: 1952 में आजाद भारत में पहली दफा आम चुनाव होने जा रहे थे. किन्तु इससे महीनों पहले मुंबई के विक्रोली में कुछ मजदूर इतिहास रचने के मुहाने पर थे. यहीं पर Godrej & Boyce कंपनी के प्लांट में मजदूरों को पहले आम चुनावों के लिए बैलेट तैयार करने का काम सौंपा गया था. हालांकि, बैलेट बॉक्स तैयार कर रहे बहुत लोग तब इस बात से अनजान थे कि वे जो कर रहे हैं उनका उपयोग पहले चुनाव में होगा.
किन्तु मजदूरों को तेजी से बैलेट बॉक्स तैयार करने के लिए कहा गया था. टीओआई में छपी रिपोर्ट के अनुसार, कंपनी के आर्काइव में दर्ज आंकड़े बताते हैं कि विक्रोली की फैक्ट्री में मात्र 4 माह में 12.83 लाख बैलेट बॉक्स तैयार हो चुके थे. 15 दिसंबर 1951 को बॉम्बे क्रॉनिकल नाम के अखबार में बताया गया था कि एक दिन में लगभग 15 हजार बॉक्सेज तैयार हो रहे हैं. गोदरेज कंपनी के एक अधिकारी के अनुसार, कंपनी की अन्य वस्तुओं के निर्माण पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ा था. इसका मतलब था मजदूरों ने बैलेट बॉक्स तैयार करने के लिए अतिरिक्त घंटों में कार्य किया गया था.
कंपनी को ओरिजिनल ऑर्डर 12.24 लाख बैलेट बॉक्स का दिया गया था, किन्तु फैक्ट्री में 12.83 लाख बैलेट बॉक्स तैयार हो चुके थे. अधिकारी के अनुसार, अन्य कंपनियों को भी इसी कार्य के लिए ऑर्डर दिए गए थे, किन्तु जब वे आर्डर पूरा नहीं कर सके तो वे ऑर्डर भी गोदरेज को दे दिए गए. एक बैलेट बॉक्स पर 5 रुपये की लगात आई थी, जबकि 50 डिजाइन की टेस्टिंग के बाद ऑलिव ग्रीन को फिक्स किया गया था. फरवरी 1952 में तमाम बैलेट बॉक्स को रेलवे कोच में लादकर 22 प्रदेशों में चुनाव के लिए पहुंचा दिया गया था.
खबरें और भी:-
पिछले 450 दिनों से सिर्फ चिकन खा रहा है यह व्यक्ति, अब तक खर्च किए 1 लाख 37 हजार
महिला ने किया हैरतअंगेज कारनामा, 9 मिनट में दिया 6 बच्चों को जन्म
यहां रंग नहीं बल्कि अंडे, कीचड़ व आटे से खेली जाती है होली