1762 निष्कासित पीटीआई में से 120 ने ही इतवार को हरियाणा कर्मचारी चयन महकमे की तरफ से 1983 पदों के लिए आयोजित एक्जाम दी. अन्य पीटीआई ने अपने 38 मृतक साथियों की विधवाओं को दिया वादा निभाया. उन्होंने लिखित एक्जाम का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया. शारीरिक शिक्षक संघर्ष समिति ने दावा किया है कि तमाम तिकड़मों के बावजूद गवर्नमेंट 120 पीटीआई से ही रविवार को एक्जाम दिलवा पाई.
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समिति ने आरोप लगाया कि जानबूझ कर इतना जटिल पेपर डाला गया जिसे पीएचडी व नेट पास अभ्यर्थी भी उत्तीर्ण नहीं कर सकते हैं. जिन पीटीआई ने पेपर दिया है, अब वह भी बुरी तरह दिक्कत में हैं, क्योंकि वह इसमें पास नहीं हो सकते. समिति के प्रधान धर्मेंद्र पहलवान, वरिष्ठ उपाध्यक्ष वजीर सिंह गांगौली व शौर्य चक्र विजेता दिलबाग जाखड़ ने कहा कि बर्खास्त पीटीआई आंदोलन को रफ्तार करते हुए अब जनता की कोर्ट में जाएंगे.
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इस अभियान में जॉब बहाली के साथ-साथ गवर्नमेंट की नीतियों की पोल खोलने के लिए अभियान चलाया जाएगा. फैसले के अनुसार निष्कासित पीटीआई सभी गांवों, शहरों एवं कस्बों में जनसभाओं का आयोजन करेंगे. इसकी शुरुआत बरोदा विधानसभा हलके से की जाएगी. पोल खोल अभियान में प्रदेश के सभी कर्मचारी, मजदूर, किसानों, नौजवानों, छात्रों व महिला संगठनों से सहयोग एवं समर्थन लिया जाएगा. दो माह के संघर्ष के बावजूद निष्कासित पीटीआई के हौसले बुलंद हैं, और वह अब अपनी जॉब बहाली को लेकर लंबी एवं निर्णायक फाइट लड़ने के लिए पूरी तरह तैयार हैं. उम्मीद की जा रही है, उनकी इस लड़ाई का उचित हल निकल पाएगा.
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