गुवाहाटी: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा है कि असम पुलिस ने सीमा सुरक्षा बल (BSF) के साथ मिलकर पिछले दो महीनों में 128 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार करके उन्हें वापस उनके देश भेज दिया है। मुख्यमंत्री सरमा ने बुधवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि इन दो महीनों में असम पुलिस ने सीमा पर सख्त निगरानी रखते हुए 128 घुसपैठियों को सीमा पार कर वापस भेज दिया है।
सरमा के मुताबिक, बुधवार तड़के बाबुल हुसैन और साकिब मिया नामक दो बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया और तुरंत उन्हें वापस भेजा गया। मुख्यमंत्री 5 अगस्त से बांग्लादेशी घुसपैठियों की गिरफ्तारी के बारे में सोशल मीडिया पर जानकारी साझा कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि इनमें से कई लोग भारतीय दस्तावेज, जैसे आधार कार्ड, भी लेकर आए थे। सितंबर में ही असम में 60 से अधिक बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया। 27 सितंबर को, असम में 8 नाबालिगों सहित कुल 17 बांग्लादेशी नागरिक पकड़े गए, जो पिछले दो महीनों में एक दिन में गिरफ्तार किए गए अवैध विदेशियों की सबसे बड़ी संख्या है। 1 अक्टूबर को, असम पुलिस ने दक्षिण सलमारा और करीमगंज जिलों में अभियान चलाकर 14 बांग्लादेशी घुसपैठियों को गिरफ्तार किया, जिनमें से 9 के पास भारतीय आधार कार्ड थे। सरमा के अनुसार, पकड़े गए सभी अवैध प्रवासियों में से कोई भी हिंदू नहीं था।
मुख्यमंत्री ने 28 अगस्त को कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे हमलों की जानकारी होने के बावजूद, हिंदुओं का पलायन नहीं देखा गया है। इसके बजाय, पड़ोसी देश से मुसलमान भारत में प्रवेश कर रहे हैं, क्योंकि हाल ही में बांग्लादेश में राजनीतिक घटनाक्रम हुए हैं। सरमा ने बताया कि बांग्लादेश का कपड़ा उद्योग इन घटनाओं से प्रभावित हुआ है, जिससे हजारों लोगों की नौकरियां चली गई हैं। नौकरी की तलाश में ये लोग पूर्वोत्तर राज्यों के माध्यम से अवैध रूप से भारत में घुसकर तमिलनाडु और अन्य राज्यों की ओर जा रहे हैं।
उन्होंने तमिलनाडु सरकार से अपील की कि वे हाल ही में कपड़ा उद्योग में शामिल हुए श्रमिकों की पृष्ठभूमि की जाँच करें। असम, त्रिपुरा और मेघालय सहित पूर्वोत्तर राज्य बांग्लादेश के साथ 263 किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं, जिसमें असम के करीमगंज और त्रिपुरा के कुछ हिस्सों में सीमा पर बाड़ नहीं है। BSF ने बताया है कि इन हिस्सों से अवैध गतिविधियों की पहले भी घटनाएं सामने आई हैं। कछार जिले के पुलिस अधीक्षक नुमाल महत्ता ने मंगलवार को बताया कि त्योहार के समय BSF और पुलिस के बीच बैठक हुई, जिसमें कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई।
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