आप सभी को बता दें कि पद्मपुराण के अनुसार ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी को निर्जला एकादशी कहा जाता है. इसी के साथ इस एकादशी को पांडव एकादशी के नाम से जानते हैं और यह एकादशी सभी एकादशीयों में से सबसे महत्वपूर्ण कही जाती है. कहते हैं इसका व्रत करने वाले व्रती को बिना पानी पिये ही उपवास रखना होता है और ऐसे में महीने में दो एकादशी का पर्व पड़ता हैं. जिनमे साल में कुल मिलाकर 24 एकादशी का पर्व मनाते हैं.
इसी के साथ इन सभी में 24 एकादशी का फल, निर्जला एकादशी का व्रत करके पाया जा सकता हैं. कहा जाता है इस साल निर्जला एकादशी का व्रत 13 जून 2019 को रखा जाएगा. आइए जानते हैं निर्जला एकादशी व्रत विधि. निर्जला एकादशी व्रत विधि - जो व्यक्ति निर्जला एकादशी का व्रत करना चाहता हैं, उसे दशमी तिथि से ही व्रत के नियमों का पालन करने को कहा जाता है. इसी के साथ एकादशी के दिन 'ॐ नमो वासुदेवाय' मंत्र का जाप करना चाहिए. कहते हैं इस दिन गौ दान करना बहुत फलदायी होता है और केवल इतना ही नहीं इस दिन गंगा स्नान, दान-पुण्य करना बेहद फलदायी होता हैं.
इसी के साथ एकादशी का व्रत करने के बाद द्वादशी तिथि को तुलसी के पत्तों से भगवान विष्णु की पूजा करने क्योंकि तुलसी भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय माना जाता है. इसी के साथ पूजा-पाठ करने के बाद ब्राह्मण को भोजन करने के बाद उन्हें दक्षिणा दे तथा कलश के साथ उन्हें विदा कर सकते हैं और इसके पश्चात स्वयं भगवान कृष्ण और विष्णु का स्मरण करते हुये भोजन कर सकते हैं. इसी के साथ इस व्रत को करने से सभी तीर्थों के स्नान के समान पुण्य मिल जाता है.
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