देशभर में कोरोना के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है. महाराष्ट्र, गुजरात और दिल्ली के बाद मध्य प्रदेश में कोरोना वायरस के सबसे ज्यादा मामले सामने आए हैं. भोपाल ग्रुप फॉर इंफोर्मेशन एंड एक्शन के मुताबिक कोरोना वायरस के वजह से हुई मौतों की कुल संख्या में से तेरह लोग भोपाल गैस त्रासदी के बचे हुए लोग थे.
दरअसल मीडिया से बात करते हुए, भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन की रचना ढींगरा ने कहा है कि भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों के साथ काम करने वाले संगठनों को यह आशंका थी कि जीवित बचे लोग कोरोना संक्रमण से बुरी तरह प्रभावित हो सकते हैं. ढींगरा ने कहा है कि हमने सरकार को 21 मार्च को ही सूचित कर दिया था कि अगर त्रासदी के पीड़ितों पर विशेष ध्यान नहीं दिया गया तो लोग मारे जाएंगे. ऐसा इसलिए है क्योंकि ज्यादातर पीड़ितों को फेफड़े, गुर्दे और हृदय से संबंधित समस्याएं हैं.
जानकारी के लिए बता दें कि कोरोना वायरस के वजह से मध्य प्रदेश में अबतक 137 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 2660 लोग वायरस से संक्रमित हैं. वहीं भोपाल में जानलेवा वायरस से अबतक 15 लोगों की मौत हो गई है. इनमें से 13 लोग गैस त्रासदी से बचे लोग थे. उन्होंने कहा कि यह चौंकाने वाली बात है कि उनमें से किसी ने भी कोरोना वायरस के संबंध में अपनी रिपोर्ट नहीं दी थी और उनकी मौत के बाद इस बात का खुलासा हुआ था.
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