पटना: मुजफ्फरपुर मामले में अब नितीश सरकार ने सख्त एक्शन लेना शुरू कर दिया है, सीबीआई इस मामले की जांच कर रही है और शक की सुई जहाँ भी घूमती नज़र आती है, उसे फ़ौरन गिरफ्तार किया जा रहा है, इसी कार्यवाही के चलते अभी तक 13 अधिकारीयों को भी नितीश सरकार द्वारा निलंबित कर दिया गया है, इनमें समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक दिवेश शर्मा शामिल हैं. बताया जा रहा है कि उक्त अधिकारीयों ने राज्य के बालिका गृहों में हो रही अनियमितताओं की जानकारी होने के बावजूद लापरवाही बरती है.
मुजफ्फरपुर रेप कांड : मुख्य आरोपी ब्रजेश पर नितीश सरकार सख़्त
कौन कौन हुए निलंबित ?
राज्य के समाज कल्याण विभाग के सहायक निदेशक दिवेश शर्मा को निलंबित किया गया है. आपको बता दें कि दिवेश शर्मा ने ही मामले की FIR दर्ज कराई है, वे इस मामले में वादी भी हैं. उनके अलावा मुंगेर की सीमा कुमारी, अररिया के घनश्याम रविदास, मधुबनी के कुमार सत्यकाम, भागलपुर की गीतांजलि प्रसाद एवं भोजपुर के तत्कालीन एडीसीसी आलोक रंजन को निलंबित किया गया है. इसमें मधेपुरा, गया, मोतिहारी, मधुबनी सहित अन्य जिलों के अधिकारी भी शामिल हैं.
जंतर-मंतर पर धरना या विपक्ष का शक्ति प्रदर्शन
क्यों किए गए निलंबित ?
उपरोक्त अधिकारीयों पर टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज, मुंबई की 'कोशिश' टीम द्वारा किए गए सामाजिक अंकेक्षण रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप है. इस रिपोर्ट में लड़कियों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार की जानकारी है, लेकिन इसके बाद भी अधिकारीयों ने बालिका गृह की स्तिथि उच्चाधिकारियों तक नहीं पहुंचाई.
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