मौजूदा एफआईएच पुरूष वर्ल्ड कप चरण सबसे अधिक गोल करने वाला टूर्नामेंट भी साबित हो रहे है इसमें यहां अभी तक 24 पूल मैचों में 130 गोल भी हो चुके हैं। इससे यहां चल रहे वर्ल्ड कप के प्रत्येक मैच का औसत लगभग 5.41 गोल का है। नई दिल्ली में 2010 में हुए विश्व कप में 12 टीमों ने शिरकत की थी जिसमें 38 मैचों में 5.24 प्रति मुकाबले से 199 गोल भी दाग दिए है।
इस मौजूदा चरण में अभी 20 मैच और खेले जाने बाकी हैं और अगर गोल करने की यही गति बरकरार रही तो यह हॉकी वर्ल्ड कप के इतिहास में सबसे अधिक गोल करने वाला टूर्नामेंट साबित होने वाली है। अभी तक इस चरण में हुए 130 गोल में से 80 गोल मैदानी हैं जबकि 43 पेनल्टी कॉर्नर पर दाग दिए गए थे 7 जिसमे से पेनल्टी स्ट्रोक्स से आये हैं। पूल सी में शीर्ष पर रहकर सीधे क्वार्टरफाइनल में पहुंचने वाली नीदरलैंड ने अभी तक सबसे ज्यादा 22 गोल किये हैं जो तीन पूल मैच में हो चुके है।
आस्ट्रेलिया ने सबसे अधिक पेनल्टी कॉर्नर से सात गोल दागे हैं जबकि फ्रांस पेनल्टी स्ट्रोक से सबसे अधिक 2 गोल कर चुका है। अभी तक टूर्नामेंट में खिलाड़ियों को चार हरे और 15 पीले कार्ड दिखा दिए गए है। वर्ल्ड कप के पिछले 15 चरण में यह तीसरी बार है जब 16 टीमों ने टूर्नामेंट में हिस्सा लिया है। इससे पहले 2002 और 2018 में ऐसा हुआ था। जर्मनी में 2002 में 72 मैचों में 300 गोल हुए थे जिसमें प्रत्येक मैच का औसत 4.17 रहा था। लेकिन तब यह अलग प्रारूप में खेला गया था इसमें 16 टीमों को केवल दो पूल में बांटा गया था और प्रत्येक पूल से शीर्ष दो टीमों ने सेमीफाइनल में स्थान बना लिया है।
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