जबलपुर : सुरक्षा संस्थान व्हीएफजे में अब जल्द ही 130 एमएम फील्ड गन एम-46 के हिस्से बनाने का कार्य प्रारम्भ होगा। इसके लिए निर्माणी के कर्मचारी अभी गन कैरिज फैक्टरी में प्रशिक्षण ले रहे हैं। फिर यही कर्मचारी व्हीएफजे में लगने वाले नए प्लांट में उन्नत 130 एमएम गन के कलपुर्जे बनाएंगे। आर्डनेंस फैक्टरी बोर्ड चेयरमैन ने श्रमिक नेताओं को चर्चा के दौरान यह जानकारी दी।
बड़े पैमाने पर किया जाएगा तैयार
जानकारी के मुताबिक ओएफ बोर्ड चेयरमैन ने कहा कि व्हीएफजे में निर्मित माइंस प्रोटेक्टिव्ह व्हीकल की देश-विदेश में बड़ी मांग है। ओएफ बोर्ड एमपीव्ही की जबरदस्त मांग होने से इस निर्माणी के लिए अगले वर्ष और बड़ा उत्पादन लक्ष्य देगा। साथ ही व्हीएफजे का इनहाउस प्रोडक्शन और उत्पादन लक्ष्य बढ़ाकर इसका भविष्य संवारा जाएगा। उम्मीद है कि अगले वित्तीय वर्ष से इस निर्माणी में 130एमएम गन के हिस्से, एमपीव्ही और वाटर बाउजर, माडिफाई माइंस प्रोटेक्टिव्ह व्हीकल का उत्पादन बड़े पैमाने पर किया जाएगा।
आपको जानकारी के लिए बता दे इस तोप का संचालन करने 6 से 8 सैन्य जवानों की जरूरत होती है, जो जमीन से जमीन और जमीन से आकाश में लक्ष्य साधकर हमला करने में सक्षम है। फायरिंग रेंज में यह गन साढ़े 27 किमी. से 38 किमी. दूर स्थित लक्ष्य को साधकर बेजोड़ मारक क्षमता का प्रदर्शन कर चुकी है।
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