अबुधाबी: सऊदी अरब में इस वर्ष हज यात्रा के दौरान 1,300 से अधिक लोगों की मौत हो गई। श्रद्धालुओं को रेगिस्तानी राज्य में इस्लामी पवित्र स्थलों पर अत्यधिक उच्च तापमान का सामना करना पड़ा, जिससे कई भक्तों की तबियत बिगड़ गई। अरब देश में हालत ये हो गई कि सड़कों पर भक्तों के शव पड़े देखे गए।
सऊदी स्वास्थ्य मंत्री फहद बिन अब्दुर्रहमान अल-जलाजेल ने कहा कि 1,301 मृतकों में से 83 प्रतिशत अनधिकृत तीर्थयात्री थे, जिन्होंने पंजीकरण नहीं करवाया था, उनके पास हज करने का कोई परमिट नहीं था, जो पवित्र शहर मक्का और उसके आसपास हज की रस्में निभाने के लिए भीषण गर्मी में लंबी दूरी पैदल चलकर आए थे। स्थानीय सरकारी मीडिया से बात करते हुए मंत्री ने कहा कि 95 तीर्थयात्रियों का अस्पतालों में इलाज चल रहा है, जिनमें से कुछ को राजधानी रियाद में इलाज के लिए हवाई मार्ग से लाया गया है। उन्होंने कहा कि पहचान प्रक्रिया में देरी हुई क्योंकि कई मृत तीर्थयात्रियों के पास पहचान संबंधी कोई दस्तावेज नहीं थे।
सऊदी अरब में लाशे ही लाशे हीट स्ट्रोक से 1500 से ज़्यादा हज यात्रियों की मौत कोई सुध लेने वाला नहीं है pic.twitter.com/1ryIggoNmZ
— Riniti Chatterjee Pandey (@mainRiniti) June 22, 2024
उन्होंने कहा कि मृतकों को मक्का में दफनाया गया, हालांकि उन्होंने इसका विस्तृत विवरण नहीं दिया। काहिरा में दो अधिकारियों के अनुसार, मरने वालों में 660 से अधिक मिस्र के नागरिक शामिल हैं। इनमें से 31 को छोड़कर बाकी सभी अनधिकृत तीर्थयात्री थे। मिस्र ने 16 ट्रैवल एजेंसियों के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं , जो अनधिकृत तीर्थयात्रियों को सऊदी अरब की यात्रा में मदद करती थीं, ऐसा अधिकारियों ने बताया। अधिकारियों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि ज़्यादातर मौतें मक्का के अल-मुआइसम इलाके में स्थित आपातकालीन परिसर में हुई हैं। मिस्र ने इस साल सऊदी अरब में 50,000 से ज़्यादा अधिकृत तीर्थयात्रियों को भेजा है।
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