बेरूत: लेबनान की राजधानी बेरूत में हुए धमाके से पूरा विश्व हिल चुका है. आम आदमी से लेकर संयुक्त राष्ट्र तक जानलेवा धमाके को लेकर परेशानी जाहिर की हैं. देश की बचाव टीमों ने बुधवार को शवों को बाहर निकाला और भारी मात्रा में अनजान लोग भी पाए गए, जो मलबे में दब चुके थे. यह धमाका बेरूत स्थित गोदाम में हुआ था. इस विस्फोट से बेरूत में विनाशकारी फोटोज सामने आई और जिसके बाद यह भी पता चला है कि अब तक 135 लोगों ने इस हादसे में अपनी जान खो दी है. वहीं चिंता जाहिर करते हुए एफिल टॉवर ने भी अपने लाइट्स ऑफ कर दी. जिसके उपरांत अंधकार छा गया.
गोदाम विस्फोट के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के लिए एफिल टॉवर ने अपनी लाइट्स को ऑफ कर दिया गया. जिसके अतिरिक्त पेरिस में Sacre Coeur basilica के बाहर एक लोगों के समूह ने मोमबत्ती जलाते हुए शोक व्यक्त किया. पीएम हसन दीब ने गुरुवार से देश में तीन दिनों के शोक का एलान कर दिया. शुरुआती कार्रवाई में बेरूत बंदरगाह पर विस्फोट के लिए लापरवाही का इलज़ाम लगाया गया है. इस विस्फोट में फिलहाल बहुत लोग लापता कहे जा रहे हैं और 5,000 से ज्यादा लोग घायल है. विस्फोट इतना तेज था कि घर की खिड़कियां टूट चुके है.
बता दें कि विस्फोट से मरने वालों का आंकड़ा बढ़ने की आशंका थी और ऐसा देखा भी जा सकता है. स्थानीय टीवी चैनलों के अनुसार पोर्ट के पास जहां धमाका हुआ, वहां एक गोदाम में पटाखे जमा किए गए थे. यह विस्फोट बेरूत में अब तक का सबसे शक्तिशाली था, जो कि तीन दशक पहले समाप्त हुए गृहयुद्ध और आर्थिक मंदी से उबरने और कोविड-19 संक्रमणों में वृद्धि के वक़्त हुआ था. धामके में साइप्रस के भूमध्यसागरीय द्वीप पर लगभग 100 मील (160 किमी) की दूरी पर इमारतों को चीरता हुआ नज़र आया था.
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