चक्रधरपुर : कोरोना वायरस का कहर पूरी दुनिया में देखने के लिए मिल रहा है. ऐसे में कहीं कहीं अब भी लॉकडाउन है और कहीं कहीं लॉकडाउन खत्म हो चुका है. ऐसे में लाखों की संख्या में झारखंड लौटे प्रवासी मजदूरों का दोबारा अन्य राज्यों में पलायन शुरू किया जा चुका है. वहीँ सामने आने वाली खबर के मुताबिक बीते मंगलवार को पश्चिम सिंहभूम जिले के चक्रधरपुर अनुमंडल अंतर्गत आने वाले विभिन्न गांव से दर्जनों प्रवासी मजदूर बिना रजिस्ट्रेशन कराए चोरी-छिपे तमिलनाडु से आई बस में सवार होकर रोजगार के लिए तमिलनाडु जाने के लिए तैयार थे. जैसे ही इस बारे में जानकारी कोल्हान कोरोना रिलीफ टीम के सदस्यों को मिली तो टीम के सदस्यों ने बस का पीछा किया. उसके बाद सरायकेला में बस को पकड़ा जा चुका है. बस के पकड़े जाने के बाद बस को वापस चक्रधरपुर ब्लॉक कार्यालय के पास ले आए.
वहीँ सदस्यों ने प्रवासी मजदूरों के पलायन की जानकारी बीडीओ अमर जॉन आइंद तथा थाना प्रभारी प्रवीण कुमार को बता दी थी. उसके बाद जैसे ही जानकारी मिली उन्होंने मौके पर जाकर मजदूरों को लेकर जा रहे युवक तथा बस के चालक से पूछताछ शुरू कर दी. वहीँ इस मामले में मौके पर मजदूरों ने कहा कि, 'रोजगार नहीं मिल रहा था. इसलिए वे लोग काम करने तमिलनाडु जा रहे थे.' इसके अलावा खबर यह भी है कि चक्रधरपुर अनुमंडल के डुमरडीहा, लाडूपोदा, रायबेड़ा, टिलुपदा तथा बनालता गांव के 14 मजदूर मजदूरी करने बस से तमिलनाडु जा रहे थे. जी दरअसल यह सभी तमिलनाडु के बंगलूर में पूर्णिमा टेक्सटाइल मील में काम कर रहे थे. वहीँ लॉकडाउन में सभी अपने-अपने गांव वापस आ गए थे और एक बार फिर से काम करने जा रहे थे.
इसी के साथ खबर यह भी सामने आई है कि मिल के मालिक ने इन मजदूरों को लाने के लिए तमिलनाडु से कालीमंगल नामक बस परमिशन पत्र के साथ भेजा था. बताया गया है कि इस मामले में बीडीओ अमर जॉन आइंद ने कहा कि 'मजदूरों को ब्लॉक ऑफिस में पहले अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा. इसके बाद ये लोग काम करने के लिए तमिलनाडु जा सकेंगे. फिलहाल मजदूरों को बस से ही घर भेज दिया गया है. सभी का रजिस्ट्रेशन कार्य हो जाने के बाद ही ये लोग जा सकेंगे.'
तमिलनाडु सरकार ने कर्नाटक से की अपने हिस्से में कावेरी का पानी छोड़ने की मांग
जवाहर लाल नेहरू भी थे 'किंगमेकर' के कायल, 3 बार बने थे तमिलनाडु के मुख्यमंत्री
तमिलनाडु सरकार ने कर्नाटक से की अपने हिस्से में कावेरी का पानी छोड़ने की मांग