मौलवी ने भड़काया, 14 वर्षीय सुन्नी लड़के ने नजीर हुसैन को घोंप दिया चाक़ू, 4 दिनों में ईशनिंदा का आरोप लगाकर दूसरे मुसलमान की हत्या

मौलवी ने भड़काया, 14 वर्षीय सुन्नी लड़के ने नजीर हुसैन को घोंप दिया चाक़ू, 4 दिनों में ईशनिंदा का आरोप लगाकर दूसरे मुसलमान की हत्या
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इस्लामाबाद: 1947 में भारत से अलग होकर इस्लामी मुल्क बने पाकिस्तान में मजहबी कट्टरता थमने का नाम नहीं ले रही है। अब यहाँ एक और व्यक्ति पर ईशनिंदा का आरोप लगाकर उसकी हत्या कर दी गई है। पुलिस ने सोमवार (24 जून) को बताया कि पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में पैगंबर मुहम्मद के साथियों के खिलाफ कथित तौर पर बोलने पर एक किशोर ने एक व्यक्ति की चाकू घोंपकर हत्या कर दी। कथित ईशनिंदा के लिए मारा गया पीड़ित शिया मुस्लिम समुदाय से था। रिपोर्ट के अनुसार, 14 वर्षीय आरोपी को उसके चाचा और पिता ने उकसाया था, जो सुन्नी मस्जिद में मौलवी हैं। यह घटना रविवार को गुजरात के कुंजाह में हुई, जो पाकिस्तान की राजधानी लाहौर से लगभग 170 किलोमीटर दूर है।

मीडिया से बात करते हुए एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि नाबालिग मदरसा छात्र ने अपने पिता और चाचा की टिप्पणियों से उकसावे में आकर 55 वर्षीय नजीर हुसैन शाह की चाकू घोंपकर हत्या कर दी। आरोपी के पिता एक सुन्नी मस्जिद में नमाज़ के नेता के रूप में काम करते हैं। उनके पिता और चाचा ने उन्हें बताया था कि पीड़ित शाह अक्सर पैगंबर के साथियों के खिलाफ़ बोलता था। पुलिस अधिकारी ने कहा कि, "पिता और चाचा की बातों से प्रेरित होकर, क्रोधित किशोर ने रविवार दोपहर को अपने घर से चाकू लिया और शाह से भिड़ गया, उस पर कई बार वार किया और उसे मौके पर ही मार डाला। इसके बाद लड़का मौके से भाग गया।" पुलिस ने नाबालिग आरोपी को गिरफ्तार करने के लिए एक टीम बनाई है। 

यह ध्यान देने योग्य है कि पाकिस्तानी आउटलेट डॉन ने इस मामले को "सांप्रदायिक विवाद" के कारण हुई हत्या के रूप में रिपोर्ट किया है। नाबालिग आरोपी, उसके चाचा और उसके पिता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। मृतक के भाई शबीर हुसैन शाह की शिकायत के आधार पर पाकिस्तान दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया है। स्थानीय और पुलिस सूत्रों ने बताया कि मुख्य संदिग्ध एक मजहबी कट्टरपंथी लग रहा है। यह ध्यान देने योग्य है कि हाल ही में हुई यह हत्या चार दिनों में इस्लामी मुल्क में ईशनिंदा से संबंधित दूसरी हत्या है और एक महीने के भीतर यह तीसरी हत्या है।

ईशनिंदा का आरोप लगाओ और मार डालो, कोई सबूत की जरूरत नहीं :-

उल्लेखनीय है कि, इससे पहले 20 जून की रात को पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात जिले के मदयान इलाके में उन्मादी  मुसलमानों की भीड़ ने कुरान का अपमान करने का आरोप लगाकर मोहम्मद इस्माइल की पीट-पीटकर हत्या कर दी थी। रिपोर्ट के अनुसार, पीड़ित पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सियालकोट जिले का निवासी था और पर्यटक के तौर पर स्वात की यात्रा पर आया था। मुस्लिम भीड़ ने आरोप लगाया कि उसने कुरान के कुछ पन्नों में आग लगाई और उसे बहाने के तौर पर इस्तेमाल कर उसकी हत्या कर दी। मोहम्मद इस्माइल को अधमरा करने के बाद कट्टरपंथियों की भीड़ ने उसे जिन्दा जला दिया था। 

यह ध्यान देने योग्य है कि स्वात पुलिस ने किसी भी अप्रिय कानून व्यवस्था को रोकने के लिए शुरू में 'ईशनिंदा के आरोपी' को अपनी हिरासत में ले लिया था। हालांकि, पुलिस स्टेशन पर हमला करने वाली उन्मादी भीड़ ने पीड़ित को घसीटकर बाहर निकाला और उसे अपने साथ ले गई। इसके बाद पीड़ित की पीट-पीटकर अधमरा कर दिया और फिर उसे आग के हवाले कर दिया गया। इस भयावह घटना का एक वीडियो गुरुवार (20 जून की रात) को सोशल मीडिया पर वायरल हुआ था।

करीब एक महीने पहले, मई में, नजीर मसीह नाम के एक बुजुर्ग ईसाई व्यक्ति को तोहीन-ए-मजहब (ईशनिंदा) के संदिग्ध आरोपों के चलते उन्मादी मुस्लिम भीड़ ने पीट -पीटकर मार डाला था । यह घटना पाकिस्तान के पंजाब प्रांत के सरगोधा शहर की मुजाहिद कॉलोनी में हुई थी। मुस्लिम भीड़ ने मसीह के घर में तोड़फोड़ की, उसकी फैक्ट्री को लूटा और उसे आग के हवाले कर दिया, क्योंकि अफवाह थी कि उसने कुरान के पन्ने जलाए हैं। जबकि सच में भी नजीर मसीह ने ऐसा किया भी था या नहीं, इसका कुछ पता नहीं चला। 

पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का कबूलनामा:-

रविवार (23 जून) को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने माना कि पाकिस्तान में कोई भी अल्पसंख्यक समूह सुरक्षित नहीं है। पाकिस्तानी संसद में उन्होंने कहा कि पाकिस्तान वैश्विक शर्मिंदगी का सामना कर रहा है। अल्पसंख्यकों की रोजाना हो रही हत्याओं पर चिंता जताते हुए ख्वाजा ने कहा था कि, "हर दिन अल्पसंख्यकों की हत्या हो रही है। इस्लाम की आड़ में वे सुरक्षित नहीं हैं। पाकिस्तान को वैश्विक शर्मिंदगी का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक ​​कि पाकिस्तान में छोटे मुस्लिम संप्रदाय भी सुरक्षित नहीं हैं, जो एक शर्मनाक स्थिति है। अब तक जिन लोगों की हत्या की गई है, उनके खिलाफ ईशनिंदा से जुड़े कोई सबूत नहीं मिले हैं, बल्कि ये हत्याएं व्यक्तिगत प्रतिशोध से उपजी प्रतीत होती हैं।"

 

बहरहाल, पाकिस्तान की संसद के निचले सदन, नेशनल असेंबली ने रविवार को एक प्रस्ताव पारित कर हाल ही में हुई मॉब लिंचिंग की घटनाओं की निंदा की। डॉन की एक रिपोर्ट के अनुसार , 1987 से 2022 के बीच कम से कम 2,120 लोगों पर ईशनिंदा का आरोप लगाया गया है। USCIRF की 2023 की रिपोर्ट में कहा गया है , "धार्मिक अल्पसंख्यकों पर लगातार हमले और धमकियाँ दी गईं, जिनमें ईशनिंदा, टार्गेट किलिंग, लिंचिंग, भीड़ द्वारा हिंसा, जबरन धर्म परिवर्तन, महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ यौन हिंसा और पूजा स्थलों और कब्रिस्तानों को अपवित्र करने के आरोप शामिल हैं।"

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