केंद्र शासित प्रदेश लक्षद्वीप में बीजेपी के 15 नेताओं ने पार्टी से एक साथ इस्तीफा दे चुके है। प्रदेश में बीते बहुत वक़्त से कुछ भी अच्छा नहीं हो रहा है। जिसके पीछे की वजह प्रदेश के प्रशासक प्रफुल पटेल द्वारा किए गए परिवर्तनों को कहा जा रहा है। वहीं मूवी निर्माता आयशा सुल्ताना के विरुद्ध भी लक्षद्वीप पुलिस ने देशद्रोह का केस दर्ज किया जा चुका है। हालांकि, यह केस बीजेपी की लक्षद्वीप ईकाई अक्ष्यक्ष अब्दुल खादर ने दर्ज करवाया गया, मगर अब इस मुकदमे को लेकर बीजेपी पार्टी के ही नेताओं ने विरोध करते हुए इस्तीफा दिया है। जंहा इस बात का पता चला है कि इस्तीफा सौंपने वालों में भाजपा के राज्य सचिव अब्दुल हमीद मुल्लीपुझा भी शामिल है।
दरअसल, सुल्ताना पर इलज़ाम है कि उन्होंने एक मलयालम चैनल में बहस के बीच केंद्र शासित प्रदेश में कोविड के प्रसार के बारे में झूठी खबर को फैलाया जा रहा है। उन्होंने एक टीवी डिबेट के दौरान बोला था कि केंद्र सरकार ने लक्षद्वीप में कोविड के प्रसार के लिए 'जैविक हथियारों' का उपयोग किया। कवरती पुलिस ने मूवी निर्माता के विरुद्ध भारतीय दंड संहिता की धारा 124 A (राजद्रोह) और 153 B (अभद्र भाषा) के अंतर्गत केस दर्ज किया गया है। इस कार्रवाई को लेकर अब पार्टी के ही लोग नाराज हो चुके है।
लक्षद्वीप में लगभग 15 नेताओं ने प्रदेश अध्यक्ष को अपने त्याग पत्र में बोला कि उनका इस्तीफा आयशा सुल्ताना पर केस दर्ज करवाने को लेकर है, जिन्होंने एक चैनल चर्चा के बीच बोला था कि कैसे लक्षद्वीप शून्य कोरोना के केसों से वर्तमान प्रशासक के आगमन के साथ बड़े पैमाने पर कोरोना के केस में बढ़ोतरी हो गई। उन्होंने प्रशासक के निर्णय को 'अवैज्ञानिक और गैर जिम्मेदाराना' भी कहा था। उन्होंने आगे बोला कि जब लक्षद्वीप में आपने और बीजेपी के कार्यकर्ता और लोग अलोकतांत्रिक कार्यों का विरोध करने में लगे हुए है, तो आपने चेतलाट निवासी हमारी बहन के विरुद्ध झूठी और अनुचित शिकायत दर्ज की है और उनेके परिवार और उसके भविष्य को बर्बाद करने के कार्य में जुटे हुए है। हम अपनी कठोर आपत्ति व्यक्त करते हैं और भाजपा की प्राथमिक सदस्यता से अपना इस्तीफा सौंपते हैं।
गौरतलब है कि पिछले कुछ दिनों से लक्षद्वीप के प्रशासक प्रफुल खोड़ा पटेल के विरुद्ध उनके द्वारा पेश किए गए नए सुधारों को लेकर हंगामा और भी बढ़ता ही जा रहा है, साथ ही यह भी कहा जा रहा है कि द्वीपवासियों के हितों के विरुद्ध हैं। लोग लक्षद्वीप एंटी-सोशल एक्टिविटीज रेगुलेशन (गुंडा एक्ट), लक्षद्वीप एनिमल प्रिजर्वेशन रेगुलेशन और लक्षद्वीप पंचायत रेगुलेशन, 2021 जैसे अन्य मसौदे कानूनों का भारी विरोध कर रहे हैं।
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