नई दिल्ली: देश में एचएमपीवी (ह्यूमन मेटा न्यूमोवायरस) संक्रमण के मामले बढ़ते जा रहे हैं। अब तक कुल 15 मामले सामने आए हैं। हाल ही में असम में इस वायरस का पहला मामला दर्ज हुआ है। यहां डिब्रूगढ़ जिले में 10 महीने का एक बच्चा संक्रमित पाया गया। डॉक्टरों ने बताया कि बच्चे की हालत स्थिर है और घबराने की जरूरत नहीं है।
असम मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (एएमसीएच) में बच्चे का इलाज चल रहा है। अस्पताल के अधीक्षक डॉ. ध्रुबज्योति भुइयां ने जानकारी दी कि बच्चे को चार दिन पहले सर्दी-जुकाम के लक्षणों के कारण भर्ती कराया गया था। नियमित जांच के दौरान लाहोवाल स्थित आईसीएमआर-आरएमआरसी में किए गए परीक्षण में एचएमपीवी संक्रमण की पुष्टि हुई। डॉ. भुइयां ने यह भी कहा कि इन्फ्लूएंजा और फ्लू जैसे लक्षणों वाले मामलों के नमूने नियमित रूप से आईसीएमआर को भेजे जाते हैं। इस बार की जांच में एचएमपीवी संक्रमण का पता चला। डॉक्टरों का कहना है कि यह एक सामान्य वायरस है और बच्चे की स्थिति अब स्थिर है।
आईसीएमआर-आरएमआरसी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. विश्वजीत बोरकाकोटी ने बताया कि 2014 से डिब्रूगढ़ जिले में एचएमपीवी के 110 मामले सामने आ चुके हैं। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि हर साल इस वायरस के कुछ मामले सामने आते हैं और यह कोई नई बात नहीं है। एचएमपीवी संक्रमण के सामान्य लक्षणों में बुखार, खांसी, नाक बहना और सांस लेने में परेशानी शामिल हैं। इस संक्रमण से बचने के लिए साफ-सफाई का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। भोजन से पहले और बाद में हाथ धोना चाहिए, संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखें और खांसी-जुकाम या बुखार होने पर तुरंत डॉक्टर से परामर्श लें। बच्चों की विशेष देखभाल करना भी आवश्यक है।
डॉक्टरों का कहना है कि सही सावधानी और समय पर इलाज से इस वायरस को नियंत्रित किया जा सकता है। घबराने के बजाय सतर्क रहना और स्वच्छता का ध्यान रखना इस संक्रमण से बचने का सबसे अच्छा तरीका है।