हनोई: चीन तथा 14 अन्य देशों ने दुनिया के सबसे बड़े व्यापारिक गुट के गठन पर सहमति व्यक्त की है, जिसके दायरे में लगभग एक तिहाई आर्थिक गतिविधियां आएंगी। एशिया में कई देशों को आशा है कि इस समझौते से COVID-19 संकट की मार से तेजी से उबरने में सहायता प्राप्त होगी। क्षेत्रीय समग्र आर्थिक भागेदारी (RCEP) पर 10 राष्ट्रों वाले दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (ASEAN) के वार्षिक शिखर सम्मेलन के इतर रविवार को डिजिटल तरीके से हस्ताक्षर किए जाएंगे।
मलेशिया के इंटरनेशनल व्यापार और उद्योग मंत्री मोहम्मद आजमीन अली ने कहा, ‘‘आठ वर्ष के कड़े श्रम के पश्चात् अंतत: वह क्षण आ गया, जब हम आरसीईपी समझौते पर हस्ताक्षर करेंगे।’’ साथ ही उन्होंने कहा कि यह समझौता हिंट देता है कि RCEP देशों ने इस “कठिन वक़्त में संरक्षणवादी कदम उठाने की जगह अपने बाजारों को खोलने’’ का निर्णय किया है। इस समझौते में आसियान के 10 देशों के अतिरिक्त चीन, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया तथा न्यूजीलैंड सम्मिलित हैं।
अफसरों ने कहा कि इस समझौते में भारत के फिर से सम्मिलित हो सकने के लिए द्वार खुले रखे गए हैं। समझौते के तहत अपने मार्केट को खोलने की अनिवार्यता की वजह से घरेलू स्तर पर विरोध के कारण भारत इससे बाहर निकल गया था। जापान के पीएम योशिहिदे सुगा ने कहा कि उनकी सरकार समझौते में फ्यूचर में भारत की वापसी की संभावना सहित स्वतंत्र और निष्पक्ष आर्थिक क्षेत्र के विस्तार को सपोर्ट देती है तथा उन्हें इसमें अन्य देशों से भी समर्थन प्राप्त होने की आशा है।
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