लखनऊ: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज क्षेत्र में दलित समाज की एक नाबालिग लड़की के धर्मांतरण और बाल विवाह के मामले में पुलिस ने दो आरोपितों को गिरफ्तार किया है, जिनमें एक मौलवी भी शामिल है। घटना तब शुरू हुई जब पीड़िता के पिता की मृत्यु के बाद उसकी माँ ने एक मुस्लिम युवक, मुर्तजा, के दबाव में आकर उसके साथ बाल विवाह करा दिया। इस शादी के बाद, पीड़िता ने इस्लाम धर्म कबूल कर लिया और उसे एक नया नाम "सानिया" दिया गया। दरअसल, बच्ची की माँ के पड़ोस में ही रहने वाला मुर्तजा से अवैध संबंध थे, इसी दबाव में उसने अपनी 15 वर्षीय बच्ची को भी मुर्तजा के हाथों सौंप दिया।
यह निकाह और धर्मांतरण बहराइच जिले की एक मस्जिद में हुआ, जहां मौलवी मोहम्मद अहमद ने भी सक्रिय भूमिका निभाई। पीड़िता के चाचा ने बताया कि परिवार ने इस धर्मांतरण और बाल विवाह का विरोध किया था, लेकिन उन्हें धमकाया गया और चुप रहने के लिए कहा गया। निकाह के बाद नाबालिग गर्भवती हो गई और बच्चे के जन्म के दौरान उसकी तबीयत बिगड़ने से उसकी मृत्यु हो गई। पीड़िता की मौत के बाद उसे इस्लामी रीति-रिवाजों से चुपचाप दफना दिया गया।
इस मामले में पुलिस ने 30 जून, 2024 को FIR दर्ज की, जिसमें IPC की धारा 376 और 504 के साथ SC/ST एवं पॉक्सो एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया। इसके साथ ही बाल विवाह अधिनियम के तहत भी कार्रवाई की गई। 2 जुलाई, 2024 को पुलिस ने मुर्तजा और पीड़िता की माँ को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था। जाँच के दौरान, मौलवी मोहम्मद अहमद और मुर्तजा के पिता मुश्ताक अली की संलिप्तता भी सामने आई। 11 अगस्त, 2024 को पुलिस ने इन दोनों आरोपितों को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। मामले की जाँच और कानूनी कार्रवाई जारी है।
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