लखनऊ: उत्तर प्रदेश के मेरठ जिले में एक घर वापसी का मामला सामने आया है, जहां लगभग 150 लोगों के 30 परिवारों ने अपने मूल धर्म सनातन में वापसी की है। ये सभी लोग पहले जाटव समाज से थे, लेकिन कुछ समय पहले ईसाई मिशनरियों द्वारा लालच देकर इनका धर्म परिवर्तन करवा दिया गया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, मेरठ जिले के गोलाबाद गांव में केरल से आए एक ईसाई मिशनरी मैथ्यु बिज्जू और उनकी पत्नी ने आर्थिक रूप से कमजोर समुदाय के लोगों से संपर्क किया। उन्होंने इन लोगों को चंगाई सभा में शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया, जहां उन्होंने सनातन धर्म के खिलाफ बातें कीं और ईसाई धर्म अपनाने पर अच्छे पैसे, शिक्षा, इलाज और शादी के लिए सहयोग देने का लालच दिया। इससे कुछ लोग उनके बहकावे में आ गए और उन्होंने ईसाई धर्म अपना लिया।
धर्मांतरण करवाने के बाद बिज्जू ने उन लोगों को और भी लोगों को धर्म परिवर्तन के लिए प्रेरित करने को कहा। वह मेरठ के कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र में विकास कॉलोनी में रह रहे थे, जहां वे हर रविवार को प्रार्थना सभा (चंगाई सभा) आयोजित करते थे। जैसे ही लोगों को कुछ गलत महसूस हुआ, उन्होंने पुलिस से शिकायत की। 20 अक्टूबर को पुलिस ने मिशनरी मैथ्यु को गिरफ्तार कर लिया। जब पुलिस उनके घर पहुंची, तब वे लोगों का ब्रेनवाश कर रहे थे।
मैथ्यु ने जाटव समाज के लोगों को उकसाते हुए उन्हें आर्थिक सहयोग और शादी में मदद देने का आश्वासन दिया। उन्होंने पवित्र जल से इलाज का भी दावा किया था। फिलहाल, मैथ्यु पुलिस हिरासत में हैं। बता दे कि, विश्व हिंदू परिषद (विहिप) धर्मांतरण रोकने और लोगों की घर वापसी के लिए देशभर में अभियान चला रही है।
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