आगामी बोर्ड परीक्षा की नजदीकी को देखते हुए शिक्षक, विद्यालय, हर कोई अपने तैयारियों को अंतिम रूप दे रहा है. दिल्ली में सरकारी स्कूलों में 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में छात्रों का बेहतर परिणाम बने इसको लेकर शिक्षा निदेशालय ने भी चहल-पहल शुरू कर दी है. निदेशालय ने इसके लिए अब 150 सरकारी स्कूलों में 25 फीसद (एक चौथाई) कमजोर विद्यार्थियों की पहचान करने का निर्देश दिया है. इसका उद्देश्य उन्हें बेहतर ढंग से तराशना है और उनकी कमजोरियों को दूर कर परीक्षा में बेहतर परिणाम लाना है.
शिक्षा निदेशालय ने इसी के साथ बेहतर परीक्षा परिणाम के लिए और कई सराहनीय कदम उठाये है. जहां निदेशालय ने सभी सरकारी विद्यालयों में 28 फरवरी 2018 तक शिक्षकों की छुट्टियों पर भी रोक लगा दी है. अब शिक्षक 28 फरवरी तक अवकाश नहीं ले सकेंगे. साथ ही निदेशालय ने अपने अधिकारियों को विभिन्न स्कूलों को गोद देते हुए उन्हें मेंटर नियुक्त किया है. निदेशालय ने 150 ऐसे विद्यालयों की सूची जारी की हैं, जिनका प्रदर्शन काफी असराहनीय रहा है.
साथ ही स्कूलों के प्रधानाचार्य को निर्देश जारी करते हुए निदेशालय ने कहा है कि, वे अपने स्कूल में दसवीं व बारहवीं कक्षा में पढ़ने वाले सभी विद्यार्थियों में से 25 फीसद कमजोर विद्यार्थियों की सूची तैयार करें. यह सूची विषय के आधार पर तैयार की जानी चाहिए. निदेशालय ने कहा है कि, कमजोर विद्यार्थियों की पहचान कर उनका प्री बोर्ड, मॉक टेस्ट लिया जाए. साथ ही कमजोर विद्यार्थियों की उपस्थिति का रिकॉर्ड भी प्रेषित करने का निर्देश दिया है.
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