वायनाड: केरल के वायनाड जिले में हाल ही में हुए भूस्खलन ने क्षेत्र को गंभीर रूप से प्रभावित किया है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, मंगलवार को सेना ने अस्थायी पुल का उपयोग करके लगभग 1000 लोगों को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने में सफलता प्राप्त की। यह अस्थायी पुल उस स्थान पर बनाया गया जहां मूसलाधार बारिश और भूस्खलन की वजह से स्थायी पुल बह गया था। अंधेरे के चलते, बचाव कार्य रोकने की सलाह भी दी गई है।
डीएससी सेंटर के कमांडेंट कर्नल परमवीर सिंह नागरा ने बताया कि सेना बीते 15 दिनों से सतर्क थी तथा भूस्खलन के पश्चात् मंगलवार सुबह केरल सरकार ने उनसे सहायता मांगी। उन्होंने इसे 'बड़ी आपदा' करार देते हुए बताया कि NDRF और राज्य की टीमें भी सक्रिय रूप से राहत कार्य में लगी हुई हैं, जबकि नौसेना और वायुसेना भी मदद कर रही हैं।
बचाव कार्य के लिए नई दिल्ली से खोजी कुत्ते तथा ब्रिज इक्विपमेंट भी वायनाड भेजे जा रहे हैं। डीएससी ने कहा कि अंधेरे में बचाव कार्य जारी रखना चुनौतीपूर्ण हो सकता है। को-ऑर्डिनेशन कॉन्फ्रेंस के पश्चात् अगले दिन के लिए योजना बनाई जाएगी। जब तक अस्थायी पुल पूरी तरह से तैयार नहीं हो जाता, तब तक इसे नागरिकों के लिए सुरक्षित नहीं माना जा सकता। इसलिए, दिन के उजाले में राहत कार्य फिर से शुरू करने की सिफारिश की गई है। वायनाड में भूस्खलन से अब तक 156 व्यक्तियों की मौत हो चुकी है और 90 से ज्यादा लोग लापता हैं। इस आपदा ने केरल में प्राकृतिक आपदाओं के लंबे इतिहास को एक बार फिर सामने ला दिया है।
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