रायगढ़: महाराष्ट्र की आर्थिक राजधानी मुंबई से सटे रायगढ़ की एक दुर्गम पहाड़ी पर स्थित इरशालवाड़ी गांव भूस्खलन की चपेट में आ गया था। घटना की खबर सामने आते ही रेस्क्यू टीमें लोगों के बचाव के लिए उस पहाड़ी पर पहुंचीं। कल शाम खराब मौसम और अंधेरे के कारण रेस्क्यू ऑपरेशन को रोक दिया गया था। हालांकि, आज (शुक्रवार) प्रातः से एक बार फिर रेस्क्यू ऑपरेशन दोबारा चलाया गया है। मौसम विभाग के अनुसार, आज भी रायगढ़ में भारी वर्षा का अलर्ट है। ऐसे में रेस्क्यू ऑपरेशन में परेशानी आ सकती है।
इरशालगढ़ गांव पर बुधवार रात लगभग 11 बजे पहाड़ टूटकर गिरा तथा पूरा का पूरा गांव लैंडस्लाइड की चपेट में आ गया। तब से ही यहां रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। बुधवार रात से आरम्भ हुआ रेस्क्यू ऑपरेशन आज शुक्रवार प्रातः तक जारी है। इस रेस्क्यू ऑपरेशन में हजार रेस्क्यूकर्मी जुटे हुए हैं जिसमें NDRF एवं SDRF के साथ क्षेत्र के सैंकड़ों पर्वतारोही भी सम्मिलित हैं। रेस्क्यू ऑपरेशन में सम्मिलित बचावकर्मियों ने बताया कि ऊपर हालात बेहद विषम हैं। उन्होंने बताया कि भूस्खलन के कारण पहाड़ी पर मलबे का ढेर है तथा उस मलबे को कहां हटाया जाए इसको लेकर बचावकर्मियों को समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। साथ ही, निरंतर हो रही वर्षा के चलते भी पहाड़ी पर रेस्क्यू ऑपरेशन चला पाना मुश्किल हो रहा है।
कहा जा रहा है कि इरशालवाड़ी गांव में लगभग 48 परिवार और 46 घर थे। मलबे में कितने लोग फंसे हैं इसका सटीक अंदाजा मुश्किल हो रहा, मगर माना जा रहा है कि लगभग 50 से 100 के बीच लोग मलबे में हो सकते हैं। इस भूस्खलन की घटना में अबतक 16 व्यक्तियों के शव बरामद कर लिए गए हैं। इरशालवाड़ी तक रास्ता एक खड़ी चढ़ाई से होकर जाता है। वहीं, इस चोटी पर चढ़ने में लगभग 2 से ढाई घंटे लगते हैं। इन हालातों को देखते हुए ही प्रशासन ने फैसला किया है कि सभी मृतक लोगों का अंतिम संस्कार ऊपर चोटी पर ही किए जाएगा। बता दें, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री राहत बचाव के कार्य का जायजा लेने स्वयं घटनास्थल पर पहुंचे। यहां मुख्यमंत्री ने मृतक लोगों के परिजनों से मुलाकात की तथा पीड़ितों को हर संभव मदद की बात कही। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख के मुआवजे की घोषणा भी की। साथ ही, ये भी कहा कि इस घटना में चोटिल हुए व्यक्तियों का उपचार सरकार द्वारा करवाया जाएगा।
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