इलाहाबाद: इलाहाबाद हाईकोर्ट से यूपी सरकार को 17 ओबीसी जातियों को अनुसूचित जातियों के समान सुविधाएं दिए जाने के मामले में बड़ा झटका लगा है. उत्तर प्रदेश की 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों के समान सुविधाएं दिए जाने को लेकर राज्य सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना को चुनौती देने वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 17 ओबीसी जातियों को एससी का सर्टिफिकेट जारी करने पर रोक लगा दी है.
हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को इस बाबत निर्देश जारी करें ताकि किसी भी जिले में इन 17 ओबीसी जातियों को एससी का सर्टिफिकेट न जारी किया जाए. इस मामले में राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता विजय बहादुर सिंह ने कोर्ट में पर्सनल अंडरटेकिंग भी दिया है कि अभी तक इस नोटिफिकेशन के आधार पर कोई जाति सर्टिफिकेट जारी नहीं किया गया है और न ही जारी किया जाएगा.
इलाहाबाद हाईकोर्ट इस मामले में अगली सुनवाई 9 फरवरी को करेगा. गौरतलब है कि राज्य सरकार ने 22 दिसम्बर 2016 को 17 पिछड़ी जातियों को अनुसूचित जातियों के समान सुविधाएं दिए जाने का शासनादेश जारी किया था. जिसे डॉ. भीमराव अंबेडकर ग्रंथालय एवं जन कल्याण समिति गोरखपुर के अध्यक्ष हरिशरण गौतम ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दाखिल कर चुनौती दी थी. मामले की सुनवाई चीफ जस्टिस डी बी भोसले और जस्टिस यशवंत वर्मा की डिवीजन बेंच में हुई.
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