नई दिल्ली: कोरोना महामारी की वजह से एक ओर तो दुनियाभर के देशों की अर्थव्यवस्था बुरी तरह चरमरा गई है। करोड़ों लोगों को अपनी नौकरी से हाथ धोना पड़ा है। वहीं, मानवाधिकार समूह ओक्सफैम ने अपनी एक रिपोर्ट में कहा है कि कोरोना महामारी की वजह से असमानता की खाई और बड़ी होती जा रही है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि इस दौरान रईस लोग और अधिक दौलतमंद हो रहे हैं, जबकि इस महामारी की वजह से गरीबी के दलदल में फंसे अरबों लोगों को इससे उबरने में वर्षों लग सकते हैं। "इनइक्वालिटी वायरस" नाम से जारी की गई इस रिपोर्ट में बताया गया है कि विश्व के 1000 सबसे अमीर लोगों ने अपने नुकसान को 9 महीने के भीतर ही हासिल कर लिया, किन्तु गरीब लोगों को अपनी हालत सुधारने में काफी समय लग सकता हैं।
ऑक्सफैम की रिपोर्ट के अनुसार, गत वर्ष मार्च के बाद केंद्र ने संभवतः विश्व के मुकाबले सबसे सख्त लॉकडाउन का ऐलान किया था। इस बीच देश के टॉप 100 अरबपतियों की संपत्ति में 12.97 ट्रिलियन रुपए की वृद्धि हुई है। ये रकम इतनी है कि 138 मिलियन भारतीयों को 94,045 रुपए दिए जा सकते हैं। वहीं, अप्रैल 2020 के महीने में प्रत्येक घंटे 1,70,000 लोगों ने अपनी नौकरी खो दी।
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