रांची: झारखंड में मिशनरियों द्वारा आदिवासियों और दलितों को बहला-फुसला कर उनका धर्मांतरण कराने के मामले लागतार सामने आते रहते हैं। इसी बीच 181 आदिवासियों के वापस ईसाई से हिन्दू बनने का मामला सामने आया है। गढ़वा जिले के अंतर्गत आने वाले विश्रामपुर गोरैयाबखार गाँव के 18 परिवार के 104, खूँटी टोला करचाली गाँव के 7 परिवार के 42 और महंगई गाँव के 8 परिवार के 35 सदस्यों ने ईसाई धर्म छोड़कर वापस हिन्दू धर्म अपना लिया है।
इसके लिए पूरे हिन्दू रीती-रिवाज़ से कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस समारोह का आयोजन धर्म जागरण और जनजातीय सुरक्षा मंच ने सरईडीह गाँव में किया था। जनजातीय सम्मलेन के दौरान ही इन सभी लोगों ने घर वापसी की। ईसाई से हिन्दू धर्म में वापस लौटने वालों का जनजातीय परंपरा के मुताबिक, पाँव पखार कर स्वागत किया गया। सभी को चंदन का तिलक किया गया। प्रकृति की पूजा के साथ कार्यक्रम का श्री गणेश हुआ। महिलाओं ने गीत भी गए। ‘बैगा पाहणों’ ने विधिवत पूजा-अर्चना की।
महिला कार्यकर्ताओं ने हिन्दू धर्म में घर वापसी करने वाली महिलाओं को सिंदूर लगा कर उनका स्वागत किया। ग्रामीणों ने बताया कि लोभ-लालच और बहकावे में आकर उनके पूर्वजों ने ईसाई धर्म स्वीकार कर लिया था। कार्यक्रम में वनवासी कल्याण आश्रम के अखिल भारतीय उपायक्ष सत्येन्द्र, जनजातीय सुरक्षा मंच के प्रांत संयोजक संदीप उराँव, सह प्रांत संगठन मंत्री देवनंदन, सरना समिति रांची के अयक्ष मेघा उराँव, धर्म जागरण प्रमुख शिवमूर्ति सहित कई लोग उपस्थित थे।
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