शिमला: राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (HPSDMA) ने शनिवार (29 जुलाई) को कहा कि 24 जून को हिमाचल प्रदेश में दस्तक देने के बाद से मानसून ने अब तक 187 लोगों की जान ले ली है। HPSDMA के मुताबिक, अब तक 34 लोग लापता हैं और 215 लोग घायल हुए हैं. राज्य में 702 घर क्षतिग्रस्त हुए हैं, इसके अलावा 7161 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। बारिश और बाढ़ के कारण 241 दुकानें क्षतिग्रस्त हो गई हैं जबकि 2218 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं।
HPSDMA ने कहा कि, "अब तक 5620.22 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया है। राज्य में भूस्खलन की 72 घटनाओं के अलावा अचानक बाढ़ की 52 घटनाएं हुई हैं।" तीन राष्ट्रीय राजमार्गों समेत 650 से अधिक सड़कें बंद हैं। इससे पहले हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि राज्य ने पिछले 75 वर्षों में सबसे भीषण बारिश और बाढ़ आपदाओं का सामना किया है. उन्होंने यह भी कहा कि बारिश से हुई क्षति के कारण राज्य को 8,000 करोड़ रुपये तक का नुकसान हो सकता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार से तत्काल वित्तीय राहत की जरूरत है.
मुख्यमंत्री ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि, "केंद्रीय टीम ने राज्य का दौरा किया है। हमने केंद्र सरकार से 2022-23 आपदा निधि के लंबित 315 करोड़ रुपये की मांग की है। नुकसान का अनुमान 8,000 करोड़ रुपये है। हम सड़क, बिजली और पानी की आपूर्ति को बहाल करने की कोशिश कर रहे हैं।"
'हालत बदतर..', मणिपुर पहुंचे विपक्षी सांसदों ने गवर्नर को सौंपा ज्ञापन, केंद्र सरकार पर साधा निशाना
हज, मुस्लिम महिलाएं और मेहरम..! मन की बात में क्या बोले पीएम मोदी ?
'निवेश के लिए गुजरात हमारी पहली पसंद..', ताइवानी चिप निर्माता Foxconn के अध्यक्ष यंग लियू का बयान