वाराणसी: बाबा दरबार से गंगा तट तक बनाए जा रहे कारिडोर के दायरे में आ रहे देवालय वर्तमान श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर के निर्माण के बाद अस्तित्व में आए। जानकारी के अनुसार बता दें कि श्रीकाशी विश्वनाथ मंदिर की वर्तमान संरचना 18वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में इंदौर की महारानी अहिल्याबाई द्वारा निर्मित कराई गई है।
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वहीं बता दें कि इस लिहाज से कारिडोर क्षेत्र में अब तक मिले देवालयों के निर्माण की अवधि 18वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध से लेकर 19वीं शताब्दी के बीच की है। साथ ही श्रीकाशी विश्वनाथ विशिष्ट क्षेत्र विकास परिषद के आग्रह पर मंगलवार को कारिडोर क्षेत्र पहुंचे और पुराविशेषज्ञों के दल ने डेढ़ दर्जन देवालयों का निरीक्षण किया। वहीं बता दें कि मंदिरों की बनावट व कला शैली के आधार पर इनका विश्लेषण किया और आकलन भी प्रस्तुत कर दिया।
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यहां बता दें कि इस दौरान क्षेत्र के दो मंदिरों पर उत्कीर्ण अभिलेखों ने भी देवालयों के निर्माण काल की पुष्टि की है। वहीं बता दें कि इसमें भवन संख्या सीके 34/34 के ध्वस्तीकरण के बाद सामने आए शिव मंदिर पर निर्माण तिथि संवत 1877 वर्ष 1820 दर्ज है। भवन संख्या 33/36 में स्थित सप्तवर्ण विनायक मंदिर पर निर्माण तिथि संवत 1891 दर्ज है।
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