पिछले भाग में हमने आपको शिवजी के आठवे अवतार के बताया था. आज हम आपको शिवजी के नौवे अवतार के बारे में बताने जा रहे .
तो आइये जानते है शिवजी के नौवे अवतार के बारे में -
भगवान शिव का हनुमान अवतार सभी अवतारों में श्रेष्ठ माना गया है. इस अवतार में भगवान शंकर ने एक वानर का रूप धरा था. शिवमहापुराण के अनुसार देवताओं और दानवों को अमृत बांटते हुए विष्णुजी के मोहिनी रूप को देखकर लीलावश शिवजी ने कामातुर होकर अपना वीर्यपात कर दिया.
सप्तऋषियों ने उस वीर्य को कुछ पत्तों में संग्रहित कर लिया. समय आने पर सप्तऋषियों ने भगवान शिव के वीर्य को वानरराज केसरी की पत्नी अंजनी के कान के माध्यम से गर्भ में स्थापित कर दिया, जिससे अत्यंत तेजस्वी एवं प्रबल पराक्रमी श्री हनुमानजी उत्पन्न हुए.अगले भाग में हम आपको शिव जी के दसवे अवतार के बारे में बतायेगे