नई दिल्ली: देश के पूर्वोत्तर राज्यों में से एक असम इन दिनों भीषण संकट का सामना कर रहा है। भीषण बाढ़ ने यहां ऐसी तबाही मचाई, जिसमें 190 लोगों की जान चली गई। सूबे के 11 जिले बाढ़ के पानी में डूब चुके हैं। लगभग 9 लाख लोग अभी भी इसकी चपेट में हैं। बीते 24 घंटे में एक बच्चे सहित 3 और लोगों की मौत हो गई है। कछार और नगांव जिलों में जहां दो लोग डूब गए, वहीं हैलाकांडी में भूस्खलन में एक व्यक्ति की जान चली गई।
असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (ASDMA) के अनुसार, बजली, कछार, चिरांग, डिब्रूगढ़, हैलाकांडी, कामरूप, करीमगंज, मोरीगांव, नगांव, शिवसागर और तामुलपुर जिलों में कुल 8,88,177 लोग बाढ़ के कारण प्रभावित हुए हैं। सबसे बुरे हालात कछार जिले के हैं। यहां 5.63 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं, इसके बाद मोरीगांव और नगांव हैं, जहां 1.52 लाख और 1.45 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हैं। ASDMA की रिपोर्ट में कहा गया है कि अब भी 620 गांव जलमग्न हैं। 14,402 हेक्टेयर से ज्यादा कृषि क्षेत्र पानी में डूब चुका है। अधिकारी 10 जिलों में 173 राहत शिविर चला रहे हैं, जहां 75,185 लोगों ने पनाह ली है।
वहीं, बारपेटा, विश्वनाथ, बोंगाईगांव, दरांग, माजुली, मोरीगांव, नलबाड़ी, तामुलपुर, तिनसुकिया और उदलगुरी जिलों में बड़े स्तर पर कटाव होने की जानकारी मिली है, जबकि दक्षिणी असम के हैलाकांडी और करीमगंज जिलों में भूस्खलन के कुछ मामले देखने को मिले हैं। करीमगंज, धेमाजी, डिब्रूगढ़, मोरीगांव, शिवसागर, बारपेटा, कामरूप और माजुली जिलों में बाढ़ के पानी से पुल, डैम और सड़कों को काफी क्षति पहुंची है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चार जिलों में बाढ़ से कुल 1,42,173 जानवर प्रभावित हुए हैं।
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