मुंबई : 1993 बम धमाकों के मामले में मुंबई की विशेष टाडा अदालत अंडरवर्ल्ड डॉन अबू सलेम सहित सात आरोपियों के खिलाफ फैसला सुना रही है. इस मामले में गैंगस्टर अबू सलेम को साजिश में शामिल होने के आरोप में दोषी करार दिया गया है. अदालत ने सलेम को मुंबई बम धमाके का मुख्य साजिशकर्ता माना.
साथ ही मुस्तफा और मोहम्मद दोसा, फिरोज राशिद खान, करीमुल्ला शेख, ताहिर मर्चेंट को भी 93 ब्लास्ट का दोषी करार दिया. वहीं एक आरोपी अब्दुल कय्यूम को इस मामले में बरी कर दिया है. सोमवार को दोषियों की सजा का ऐलान किया जाएगा. अदालत ने कुछ दिनों पहले ही इस मामले की सुनवाई पूरी की थी. बम धमाके के दोषी मुस्तफा दोसा को साल 2004 में यूएई से गिरफ्तार किया गया था.
2005 में शुरू हुए इस ट्रायल में करीब 12 साल बाद फैसला आया है. बता दे कि 12 मार्च 1993 को मुंबई में हुए 13 सीरियल बम धमाकों ने पूरे देश को दहशत से भर दिया था. पहले चरण में 2007 में मुंबई की विशेष टाडा अदालत ने 100 अभियुक्तों को सजा हुई थी, जिसमें याकूब मेमन को फांसी की सजा मिली थी. लेकिन अबू सलेम, मुस्तफ़ा दोसा के खिलाफ अलग से मुकदमा चल रहा था. इस बारे में विशेष सरकारी वकील उज्जवल निकम ने बताया कि योजना के अनुसार जब पुराना ट्रायल खत्म होने वाला था तभी अबू सलेम, मुस्तफा दोसा आदि को विदेश से लाया गया. अगर उनका ट्रायल भी उसी ट्रायल में चलाते तो 20-25 साल और लग जाते.
मुस्तफा दोसा 2004 में गिरफ्तार हुआ था. जबकि अबू सलेम का 2005 में पुर्तगाल से प्रत्यर्पण हुआ था. बाकी के पांच आरोपी भी दुबई से भारत लाए गए थे. 1993 में मुंबई में हुए इन धमाकों में 257 लोग मारे गए थे और 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे. सीबीआई की चार्जशीट पर टाडा कोर्ट में यह मामला चला .
1993 मुंबई धमाके मामले में कोर्ट ने सुनाया फैसला, मुस्तफा दोसा दोषी करार