इंदौर/उज्जैन: मध्यप्रदेश के धार्मिक पर्यटन नगर उज्जैन में दूसरे शाही स्नान अर्थात् वैशाख शुक्ल पक्ष तृतीया पर एक बार फिर प्राकृतिक आपदा का कहर बरपा। इस दौरान कुछ स्थानों पर आंधी चलने के कारण पांडाल गिर गए तो दूसरी ओर तेज़ बारिश भी हुई। हालांकि बारिश और आंधी के बाद भी आस्थावानों का उत्साह कम नहीं हुआ। लोगों में अगाध श्रद्धा थी। तुरंत पांडालों में व्यवस्था की गई और शाही स्नान के लिए घाटों पर मौजूद श्रद्धालुओं के लिए बंदोबस्त जुटाए गए। तेज बारिश और आंधी के चलते 2 श्रद्धालुओं की मौत होने की जानकारी भी मिली है। बारिश और आंधी के बीच प्रशासनिक अधिकारियों और कर्मचारियों ने मेले की व्यवस्था को प्रबंधित करने का प्रयास किया।
उल्लेखनीय है कि मौसम विभाग ने स्नान के पहले और स्नान के दौरान भी तेज बारिश और आंधी की चेतावनी दी थी। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी करते हुए कहा था कि दूसरे शाही स्नान में 50 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाऐं चलेंगी। उल्लेखनीय है कि मंगलनाथ क्षेत्र में कई स्थानों पर पांडाल फिर से उखड़ गए। मेला क्षेत्र में कई स्थानों पर पानी भर गया।
मिली जानकारी के अनुसार मेघदूत ढाबे के सामने बना एक बड़ा द्वार और कम्प्युटर बाबा के पांडाल का गेट गिर गया। उल्लेखनीय है कि इसके पहले 6 मई को होने वाले पर्व स्नान के ऐन पहले गुरूवार को ऐसे ही हालात बने थे। तेज आंधी और बारिश से जहां कुछ पांडाल और पांडालों के एरिया में बने गेट उखड़कर गिर गए तो दूसरी ओर पांडालों में पानी भी भर गया था। इस दौरान 7 लोगों की मौत हो गई थी जबकि 80 से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे। आज हुई घटना के बाद मेला क्षेत्र में आपदा प्रबंधन दल सक्रिय हो गया।