चंद्रपुर: महाराष्ट्र के चंद्रपुर जिले से एक अनोखी घटना सामने आई है यहाँ खुदाई के चलते दो शिवलिंग मिले हैं। इस शिवलिंग के 18वीं सदी के होने की बात कही जा रही है। दोनों ही शिवलिंग के रंग अलग-अलग हैं। वहीं, सावन माह में शिवलिंग मिलने की वजह से इलाके में खुशी की लहर फैली हुई है। लोग इन शिवलिंगों के मिलने को बहुत ही शुभ मान रहे हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, खुदाई में मिले शिवलिंग भोसले कालीन हैं।
दरअसल, घटना चंद्रपुर जिले के चीमूर तहसील में स्थित नेरी गांव की है। 30 अगस्त को नेरी गांव के लोकप्रिय शिव मंदिर के पास खुदाई का काम चल रहा था। इसी के चलते दो शिवलिंग मिले। जिसमें एक काले पत्थर का और दूसरा सफेद पत्थर से बना हुआ है। श्रावण मास में खुदाई के चलते शिवलिंग मिलने से गांव के लोगों में उत्साह का वातावरण है। सावन मास में शिवलिंग प्राप्त होने से इसकी अहमियत बढ़ गई है तथा लोगों ने शिवलिंग की पूजा पाठ भी आरम्भ कर दिया है।
वही इतिहास के जानकर अशोक सिंह ठाकुर ने बताया कि खुदाई के चलते मिले यह दोनों शिवलिंग 18वें सदी के मराठा कालीन शिवलिंग है। इसका निर्माण भोसले के शासनकाल के चलते हुआ होगा। यानी यह 18वीं शताब्दी के शिवलिंग हैं। नेरी गांव का शिव मंदिर भी लोकप्रिय है। आगे अशोक ठाकुर बोलते हैं कि उस वक़्त के भक्तों ने कुछ मन्नतें मांगी होंगी तथा उनकी मनोकामना पूरी होने पर उन्होंने इस शिवलिंग का निर्माण कर उसे समर्पित किया होगा। चंद्रपुर जिले के कुछ हिस्सों में सफेद एवं काले पत्थर पाए जाते हैं। उन्हीं पत्थरों से यह शिवलिंग बनाए गए हैं। श्रावण मास में मिले इन दो शिवलिंगों की वजह से लोगों की आस्था और भी बढ़ गई है। अशोक का कहना है कि वैसे तो चंद्रपुर जिला एक ऐतिहासिक जिला के रूप में जाना जाता है, मगर अब पुरातन शिवलिंग मिलने के पश्चात् चंद्रपुर के इतिहास में अब और भी पन्ने जुड़ गए हैं।
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी को बड़ी राहत, रद्द हुआ लोकसभा से निलंबन
एक ही दिन में I.N.D.I.A. में PM पद के 3 दावेदार, इनकी उठी मांग
फूड फैक्ट्री में काम करने वाले 5 मजदूरों की हुई दर्दनाक मौत, इलाके में मचा हड़कंप