दिल्ली के अस्पताल लगातार ऑक्सीजन की परेशानी से जूझ रहे है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के जयपुर गोल्डन हॉस्पिटल में ऑक्सीजन की कमी से से कम 20 कोविड रोगियों की जान चली गई। इस रोगियों का कुछ दिनों से हॉस्पिटल में उपचार चल रहा था। जयपुर गोल्डन अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि अन्य 200 लोगों की जान जोखिम में है क्योंकि उनके पास केवल आधे घंटे तक आपूर्ति थी। हॉस्पिटल के चिकित्सा निदेशक डीके बलुजा ने कहा "हमने कल रात (शुक्रवार) को ऑक्सीजन की कमी की वजह से 20 लोगों को खो चुके है। ऑक्सीजन की आपूर्ति अब केवल आधे घंटे तक चलने वाली है।
200 से अधिक जीवन दांव पर है।" बलूजा ने कहा कि 200 मरीजों में से 80 ऑक्सीजन सपोर्ट पर हैं, जबकि 35 ICU में हैं। इससे एक दिन पहले ऑक्सीजन की कमी से दिल्ली के सर गंगाराम हॉस्पिटल में 25 रोगियों की की मौत की खबर आयी थी। हालांकि बाद में हॉस्पिटल ने इस खबर से इंकार कर दिया था। देश में कोविड के केसों भारी बढ़ोतरी की वजह से दिल्ली के अस्पतालों को ऑक्सीजन की भारी कमी को झेलना पड़ रहा है। राजधानी के प्रमुख अस्पतालों में बीते कुछ दिनों से ऑक्सीजन की कमी है। इस बीच महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार के एक हॉस्पिटल में भर्ती 14 कोविड रोगियों की शुक्रवार को चिकित्सा सुविधा में आग लगने से जान चली गई।
इस हफ्ते की शुरुआत में केंद्र ने एलान की थी कि भारतीय रेलवे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को ऑक्सीजन की आपूर्ति के लिए विशेष ट्रेनें चलाएगा, क्योंकि उनमें से कई को कमी से जूझना पड़ रहा है। 'ऑक्सीजन एक्सप्रेस' ने शुक्रवार शाम को महाराष्ट्र के नागपुर में अपना पहला स्टॉपेज बनाया जा चुका है। केंद्र ने औद्योगिक उद्देश्यों के लिए ऑक्सीजन की आपूर्ति को प्रतिबंधित करने का भी निर्णय किया है, ताकि चिकित्सा उपयोग के लिए स्टॉक को डायवर्ट किया जा सके। रिपोर्ट के अनुसार भारत में मेडिकल ऑक्सीजन की दैनिक आवश्यकता वर्तमान में औद्योगिक उपयोग - 4,600 मीट्रिक टन से दोगुनी है।
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