नई दिल्ली : कतिपय बैकों द्वारा कालेधन को सफेद करने का गौरखधंधा किया जा रहा है, लेकिन ऐसे बैंकों के अधिकारी न केवल आयकर विभाग के शिकंजे में आ रहे है वहीं इस बात का भी खुलासा हो रहा है कि आखिर नोटबंदी के बाद से अभी तक कितने फर्जी खाते खुले या फिर कितने कालेधन को सफेद में तब्दील कर दिया गया है। ऐसा ही एक मामला दिल्ली के नोएडा सेक्टर 51 स्थित एक्सिस बैंक का सामने आया है।
बताया गया है कि आयकर विभाग ने गुरूवार को एक्सिस बैंक पर छापा मारकर बीस से अधिक फर्जी अकाउंट खुले होने का खुलासा किया है। बताया जाता है कि इन सभी अकाउंट में साठ करोड़ रूपये से अधिक जमा किया गया है। इस बैंक के अलावा अन्य कुछ बैंकों में भी कालेधन को सफेद करने के मामले सामने आये है।
जानकारी मिली है कि चलन से बंद हो चुके पांच सौ और एक हजार रूपये के नोटों को न केवल बगैर परिचय या कागजाज के ही बदला जा रहा है वहीं कालेधन को सफेद धन में बदलने के लिये भी स्वयं बैंक के ही कतिपय अधिकारी और कर्मचारियों द्वारा नये-नये तरीके इजाद किये जा रहे है।
एक अन्य मामला जयपुर का सामने आया है। जानकारी है कि जयपुर की इंटीग्रल अरबन को-आॅपरेटिव बैंक को संचालित करने वाली विल्फ्रेड एजुकेशन सोसायटी के लोग ही बैंकों लिमिट से अधिक न केवल रूपये निकाल रहे है वहीं बगैर किसी आईडी से ही पुराने नोटों को भी बदलाने का काम धड़ल्ले से कर रहे है।
चेन्नई शहर की स्टेट बैंक आॅफ मैसूर के मैनेजर ने अपने साथ लूट की झूठी कहानी इसलिये गढ़ी क्योंकि उसे एक उद्योगपति को 25 लाख रूपये के नये नोट देना थे।
फर्जी निकले बड़ी राशि के कालेधन की...