यवतमाल : खबर मिली है कि महाराष्ट्र के यवतमाल में भरी गर्मी में कीटनाशकों का छिड़काव करने से 20 किसानों की दर्दनाक मौत हो गई है. इसके साथ ही 700 किसानों को अभी अस्पताल में भर्ती करवाया गया है. और 25 किसानों ने अपनी आँखों की रोशनी को गँवा दी है. भरी गर्मी में यह किसान अपने खेत में कपास की फसलों में कीटनाशकों का छिड़काव कर रहे थे.
इस मामले में स्थानीय किसान नेता का कहना है कि अभी तक किसान को किसी भी तरह की कोई राहत नहीं मिली है. हम किसानों की दर्दनाक मौत के इस मामले को कोर्ट में ले जायेंगे.
किसानो की दर्दनाक मौत के मामले के सामने आने के बाद वसंतराव नायक शेती स्वावलंबन मिशन के प्रमुख किशोर तिवारी ने कहा है कि किसानों की यह दर्दनाक मौत दवा का छिड़काव करने के दौरान जरूरी सावधानियां नहीं बरतने के कारण हुई है. क्योंकि इस समय धूप तेज है और ऐसे समय में किसान को अपने खेत में फसलों पर छिड़काव नहीं करना चाहिए. अगर जरुरी है और किसान अपने खेत में फसलों पर छिड़काव कर रहे है तो ऐसे समय में उन्हें चेहरे को ढंक कर रखना चाहिए. ऐसे वक़्त में किसानों को सावधानी रखना बहुत ही जरुरी है.
खबर मिली है कि किसानों ने अपने खेत में छिड़काव के लिए प्रोफक्स सुपर नामक दवा का उपयोग किया है. इसकी फ़िलहाल जाँच की जा रही है और अगर यह जरुरत से ज्यादा जहरीली दवा पाई गई तो तो इस पर प्रतिबंध लगाने की कार्यवाही भी की जाएगी. मीडिया रिपोर्ट्स की ख़बरों के मुताबिक इस दवा को लेकर किसानो को यह बताया गया था कि खेत में इसका उपयोग करने से फसल की उपज अच्छी होगी. लालच में आकर किसानो ने अपने खेत में इसका उपयोग करना शुरू कर दिया. लेकिन धीरे-धीरे इस दवा के कारण किसानों की मौत होने लग गई. मौत का यह आंकड़ा बढ़कर 20 हो गया. आपको बता दे कि अकेले महाराष्ट्र के यवतमाल में ही इस दवा के छिड़काव से 24 में से 20 किसानों की मौत हो गई है.
अगर चाँद ही नज़र ना आये तो, इस तरह से खोले करवा चौथ का व्रत
RBI के पूर्व गवर्नर राजन को मिल सकता है इकोनॉमिक्स का नोबेल