आजकल कभी भी कुछ भी हो सकता है. अब हाल ही में रेगिस्तान के नीचे घर मिला है. मिली जानकारी के तहत यहाँ जैसलमेर से 20 किलोमीटर दूर बासनपीर दक्षिण गांव में पौधरोपण के लिए खोदी जा रही जमीन के नीचे शनिवार को तहखाना मिला है। बताया जा रहा है घर जैसे दिखने वाले तहखाने को देखने के लिए गांव वालों की भीड़ उमड़ पड़ी। यहाँ तहखाने का अधिकांश हिस्सा जमीन के काफी नीचे दबा हुआ बताया जा रहा है। वहीँ कुछ ग्रामीण यहाँ खजाने के लालच में अंदर जा रहे थे, हालाँकि सांप होने के भय से किसी की भी आगे बढ़ने की हिम्मत नहीं हुई।
अब इस तहखाने के बारे में ग्रामीणों का कहना है कि 'यहां 200 साल पहले पालीवालों का एक गांव हुआ करता था, जिसे वे छोड़कर चले गए थे। प्रशासन ने अभी तक यहां सुरक्षा का कोई इंतजाम नहीं किया है।' वहीँ दूसरी तरफ गांव की एएनएम प्रमिला जांगिड़ टीम का कहना है कि, 'जमीन के नीचे शायद बहुत बड़ा मकान है, जिसकी सीढ़ियां भी हैं। अंदर सांप या अन्य जीव जंतु के होने की आशंका से लोग ज्यादा अंदर नहीं जाते। हां लोगों को उम्मीद है कि इसमें खजाना भी हो सकता है।' वहीँ दूसरी तरफ गांव की निवासी कांता देवी का कहना है कि, 'पहले भी गांव वालों ने यहां सोना निकालने की कोशिश की थी। कहते हैं खजाने पर सांप का बसेरा होता है या आत्माएं होती हैं, इसलिए कोई हिम्मत नहीं जुटा पाता है।'
वहीँ उनका यह भी कहना है कि, 'अब इस तहखाने के नजर आने से ग्रामीण बार-बार यहां जरूर आ रहे हैं।' आपको बता दें कि जैसलमेर में विभाग के अतिक्रमण प्रभारी मुकेश मीणा का कहना है कि, 'हम संरक्षित इमारतों का संरक्षण का कार्य करते हैं। संरक्षित इमारतों पर कोई अतिक्रमण ना कर ले उसकी टूट-फूट ना हो उसका ध्यान रखते हैं।'
दिल्ली में बढ़ रहा है वायरल बुखार, रखे इन जरुरी बातों का ध्यान