गुलज़ार छनिवाला की मधुर आवाज़ में फाड़-फाड़ हरियाणवी गीत को सोनोटेक म्यूज़िक कंपनी द्वारा प्रस्तुत़ किया गया है. इस दमदार गीत के बोल गुलज़ार छनिवाला द्वारा लिखे गए है. वहीं इसका म्यूज़िक कंपोज भी गुलज़ार छनिवाला द्वारा ही किया गया है.
इस शानदार गाने में गांव का देशी गबरू नौजवान जिसके आगे अच्छे-अच्छे बदमाश अपना सिर झुकाकर चलते हैं और गांव में उसके बिना कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता हैं. वह बड़ो का सम्मान और छोटो को प्यार करता हैं उसके आगे कई बदमाशों में अपने हथियार तक छोड़ दिए हैं.
फाड़ फाड़ सॉन्ग लिरिक्स...
बेस गरड़ावे काला शीशा राखे कार का
बेरिया की फाटा देख रूप तेरे यार का
बाजे रांगनी की बीट ज्यादा लख्मी के गीत
ते गांवा में आला दिखे ना फसाये बेटा सिंह
तेरी हांयु की ढाला फाड़ फाड़ करदे
जुनसे बाउंसर का तू बने फिरे हेड
रे फ़ोन पर वे सामी ना बात करता
ल्याके उठाले लिए रे जैक खाके गुदी में
ते गांवा में आला दिखे ना फसाये बेटा सिंह
तेरी हांयु की ढाला फाड़ फाड़ करदे.
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