वाशिंगटन: अमेरिका में वर्ष 2020 की जनगणना में सिखों की गणना अलग जातीय समूह के रूप में की जा सकती है. वहीं सिखों के एक संगठन ने यह जानकारी देते हुए इसे मील का पत्थर करार दिया जा चुका है.
इससे अन्य अल्पसंख्यक जातीय समूहों की अलग गणना का रास्ता खुलेगा: मिली जानकारी के अनुसार इस बात का पता चला सैन डिएगो की सिख सोसाइटी के अध्यक्ष बलजीत सिंह ने कहा कि सिख समुदाय के प्रयासों का फल मिला है. इससे अमेरिका में सिर्फ सिखों के लिए ही नहीं, अन्य अल्पसंख्यक जातीय समूहों की अलग गणना का रास्ता खुलेगा.
सिख संगठनों ने इसे मील का पत्थर करार दिया: जानकारी के लिए हम आपको बता दें कि इस फैसले को मील का पत्थर करार देते हुए यूनाइटेड सिख नामक संगठन ने कहा कि यह पहली बार होगा कि अमेरिकी जनगणना में अल्पसंख्यक समूह की अलग से गणना की जाएगी और उसे अलग कोड मिलेगा. वहीं यूनाइटेड सिख के प्रतिनिधियों की अमेरिकी जनगणना विभाग के अधिकारियों के साथ कई बार बैठकें हुई थी. नवीनतम बैठक छह जनवरी को सैन डिएगो में हुई थी.
यूनाइटेड सिख के मुताबिक अमेरिका में सिखों की संख्या तकरीबन 10 लाख: अमेरिकी जनगणना के उप निदेशक रोन जर्मिन ने कहा, 'यह स्पष्ट है कि अमेरिका में सिखों की सटीक गिनती के लिए एक अलग कोड की आवश्यकता होगी.' वहीं यह भी कहा जा रहा है कि यूनाइटेड सिख के मुताबिक अमेरिका में सिखों की संख्या तकरीबन 10 लाख है.
कैलिफोर्निया में गुरुद्वारे पर स्वास्तिक का चिन्ह पेंट किया: कैलिफोर्निया के ओरंगवाले में गुरु मानेयो ग्रंथ गुरुद्वारा साहिब पर स्वास्तिक का चिन्ह पेंट कर दिया गया. पुलिस ने ग्रंथी का बयान दर्ज किया है. हाल ही में बीते सोमवार को सुबह लोगों ने देखा कि गुरुद्वारे की दीवार पर 'व्हाइट पॉवर' शब्द और स्वास्तिक का चिन्ह स्प्रे से पेंट किया गया था.
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