नई दिल्ली: पिछले 6 दशकों में, किसी भी कैलेंडर वर्ष में दंगों की कुल घटनाओं के मामले में 2022 देश के लिए सबसे शांतिपूर्ण वर्ष रहा है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के मुताबिक, इंदिरा गांधी के देश की प्रधानमंत्री बनने के बाद से 2022 तक, पिछले साल देश भर में सबसे कम दंगे दर्ज किए गए। साल 2022 में देशभर में दंगों की करीब 37,816 घटनाएं दर्ज की गईं थी।
पिछले पांच वर्षों में, दंगों की कुल घटनाएं साल-दर-साल आधार पर कम हो रही हैं। गौरतलब है कि इसी अवधि में इसमें 35% से अधिक की गिरावट आई है। उससे एक साल पहले दर्ज की गई घटनाओं की तुलना में 2022 में दंगे की घटनाओं में 9.5% की कमी आई थी। NCRB के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2021 में देश में दंगों की कुल 41,954 घटनाएं दर्ज की गईं थी। आश्चर्यजनक रूप से, NCRB डेटा से पता चलता है कि जहां भाजपा शासित राज्यों ने दंगों को कम करने और कानून व्यवस्था को मजबूत करने में अच्छा प्रदर्शन किया है, वहीं कांग्रेस शासित राज्य इसमें फिसड्डी साबित हुए हैं। गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश और असम जैसे राज्य पिछले पांच वर्षों में दंगों को कम करने में सफल रहे हैं। संयोग से, राज्य में निवर्तमान कांग्रेस सरकार के शासन में छत्तीसगढ़ में दंगों के मामले बढ़ गए थे।
Riots (violence) in India is on a steady decline. The country is most peaceful in 50 years. Here’s the updated analysis using NCRB data: https://t.co/RT5ppFdW20 pic.twitter.com/ko9FpA8g21
— Shamika Ravi (@ShamikaRavi) June 15, 2023
उत्तर प्रदेश, गुजरात और असम ने पिछले पांच वर्षों में दंगों को कम करने में सबसे बड़ी सफलता हासिल की है। 2018 के मुकाबले 2022 में दंगों के मामलों का NCRB डेटा बताता है कि गुजरात और असम में दंगों की संख्या में क्रमशः 90% और 80% की कमी आई है। देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के शासनकाल में दंगों को 50% तक कम करने में सफलता मिली है। इसके विपरीत, वर्ष 2018 में छत्तीसगढ़ में सत्ता संभालने के बाद कांग्रेस सरकार के तहत दंगों में इजाफा हुआ। वर्ष 2018 में, भूपेश बघेल के कार्यकाल में छत्तीसगढ़ में दंगों की 665 घटनाएं दर्ज की गईं और वर्ष 2022 तक यह 30% बढ़कर 961 हो गईं। चुनाव परिणामों की घोषणा के बाद, राज्य में अब सत्ता परिवर्तन देखने को मिलेगा क्योंकि भाजपा ने 54 सीटें हासिल कीं है, जबकि निवर्तमान सत्तारूढ़ दल कांग्रेस ने 35 सीटें जीतीं हैं।
गौरतलब है कि भाजपा शासित राज्यों में, जहां दंगे की घटनाओं में कमी दर्ज की गई है, कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए अपराधियों की अवैध संपत्तियों को जमींदोज कर दिया गया है। इसके अतिरिक्त, अपराधियों की संपत्ति लगातार जब्त की गई है और दंगाइयों की तस्वीरें जनता के बीच प्रदर्शित की गई हैं। देश में दंगों के मामलों का एक सांख्यिकीय विश्लेषण इस बात पर प्रकाश डालता है कि आजादी के बाद से देश में दंगों में लगातार वृद्धि हुई है। साल 1981 में जब इंदिरा गांधी प्रधानमंत्री थीं, तो यह आंकड़ा 1.10 लाख को पार कर गया था। देश में दंगों की घटनाओं में पहली तेज गिरावट पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में दर्ज की गई थी।
हालाँकि, UPA सरकार के दौरान देश में दंगों की घटनाएं एक बार फिर बढ़ गईं। 2014 में प्रधान मंत्री मोदी के सत्ता में आने के बाद से, देश में दंगों की संख्या लगातार कम हो रही है, जिससे हर नया साल देश का सबसे शांतिपूर्ण वर्ष बन गया है। 2013 में, कांग्रेस के शासन के आखिरी पूर्ण वर्ष में, देश में दंगों की संख्या 72,126 थी, जो पीएम मोदी के कार्यकाल में घटकर लगभग आधी रह गई है। इस प्रकार, नरेंद्र मोदी सरकार में देश में दंगों की घटनाओं में लगभग 48 प्रतिशत की कमी आई है।
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