नई दिल्ली. रूस -यूक्रेन युद्ध आज नौंवे दिन भी जारी है. अब तक 17 हजार से अधिक भारतीयों को यूक्रेन से बाहर निकाला जा चुका है. किन्तु बड़ी संख्या में भारतीय अब भी वहां फंसे हुए हैं. युद्ध की वजह से न केवल यूक्रेन के अंदर बल्कि समुद्र में कई भारतीय फंसे हुए हैं. एक रिपोर्ट के अनुसार, कम से कम 21 भारतीय नाविक वर्तमान में दक्षिणी यूक्रेन माइकोलाइव (Mykolaiv) बंदरगाह से निकलने की प्रतीक्षा कर रहे हैं.
यह बंदरगाह काला सागर (Black Sea) में है, किन्तु युद्ध के बाद इस क्षेत्र में नाकेबंदी के चलते 25 फरवरी से ही भारतीय नाविक इस मालवाहक जहाज में फंसे हुए हैं. जहां भारतीय मालवाहक जहाज फंसे हुए हैं, वहां कम से कम 25 जहाज दूसरे भी हैं. काला सागर में माइकोलाइव बंदरगाह प्रमुख ट्रांजिट प्वाइंट है, जहां रूसी फ़ौज अब मजबूत स्थिति में है. इसलिए माइकोलाइव में कई जहाजों ने अपनी राष्ट्रीयता छुपाकर अपने मस्तूल को नीचे कर दिया है और मार्शल आइलैंड (Marshalls Island) का ध्वज फहरा रहे हैं.
जहाज में फंसे 21 भारतीय चालक दल के सदस्यों में से चार महाराष्ट्र के रहने वाले हैं. उनमें से एक ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्होंने जहाज के मालिकों और स्थानीय एजेंटों के निर्देशों पर जहाज पर रहने का निर्णय लिया है. ये लोग उन्हें रसद आदि प्रदान कर रहे हैं. शिपिंग एंड मैनिंग एजेंसी के डीजी और वी.आर. मैरीटाइम नाविकों को सकुशल बाहर निकालने के लिए भारतीय राजनयिकों और विदेश मंत्रालय के संपर्क में हैं. जहाज से मक्के की खेप उतारने के बाद 22 फरवरी को मायकोलाइव में डॉक किया गया था. 25 फरवरी को इसे बेचा जाना था, किन्तु 24 फरवरी को ही यूक्रेन पर रूस का हमला शुरू हो गया जिसके चलते इस इलाके में नाकेबंदी हो गई.
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