नई दिल्ली: करोड़ों सालों से ये खगोलिय घटाएं होती है। इन खोगोलिय घटानाओं का प्रभाव धरती पर पड़ता है। धरती पर कई तरह की क्रियाएं होती है। इस वर्ष 21 जून को ऐसी ही एक खगोलिय घटना होगी, जिसमें मनुष्यों की परछाईं भी साथ छोड़ देती है। जैसे की हम जानते हैं कि वर्ष में 365 दिन होते हैं। हालांकि ये दिन एक जैसे नहीं होते हैं। कभी दिन छोटे होते हैं, तो कभी रात लंबी होती है।
इसी तरह कभी रात छोटी हो जाती हैं, तो कभी दिन लंबे होते हैं। इसी तरह 21 जून को वर्ष का सबसे लंबा दिन होती है। इस दिन उत्तरी गोलार्ध में स्थित तमाम देशों में दिन लंबा और रात छोटी होती है। दिलचस्प बात यह है कि इस दिन एक पल ऐसा भी आता है, जब आपकी परछाई साथ छोड़ देती है। दरअसल, 21 जून के दिन सूरज काफी ऊंचाई पर होता है। इस दिन से रात लंबी होने लगती हैं। 21 सितंबर आते-आते दिन व रात एक बराबर हो जाते हैं।
खगोल शास्त्रियों ने बताया कि सूर्य उत्तरी गोलार्ध से चलकर भारत के बीच से निकलने वाली कर्क रेखा में आ जाता है। इसलिए इस दिन सूर्य की किरणें धरती पर अधिक समय के लिए पड़ती हैं। इस दिन सूर्य की रोशनी धरती पर लगभग 15-16 घंटे तक पड़ती हैं। जिसकी वजह से 21 जून को साल का सबसे लंबा दिन होता है। कभी-कभी 22 जून को भी बड़ा दिन होता है। 1975 में 22 जून को वर्ष का सबसे बड़ा दिन था। अब ऐसा 2203 में होगा।
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