कोरोना के कहर में सरकार ने लॉकडाउन किया है. लेकिन इस परिस्थिति में लोग बहुत समझदारी का परिचय दे रहे है. साथ ही, लॉकडाउन पीरिएड का भी लोग लाभ उठा सकते हैं, इसके लिए मानव संसाधन विकास मंत्रालय की ओर से एक भारत श्रेष्ठ भारत के तहत एक योजना लांच की गई है.
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इस योजना को लेकर एचआरडी मिनिस्ट्री की तरफ से उनके ट्वीटर हैंडल पर भी शेयर की गई है. दरअसल सरकार चाहती है कि इन दिनों घर पर लॉकडाउन के समय भी लोग कुछ न कुछ सीखते रहे, टीवी देखने के अलावा वो कुछ रचनात्मक चीजें भी सीख लें जो उनके जीवन में आगे काम भी आएं. इसी को ध्यान में रखते हुए एचआरडी मिनिस्ट्री की ओर से ये योजना लांच की गई है जिसका समर्थन भी मिल रहा है.
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आपकी जानकारी के लिए बता दे कि देश में 19 हजार 500 से अधिक भाषाएं बोली जाती है मगर इन सभी को समझना हर किसी के बस की बात भी नहीं है. भारत के लिए एक कहावत भी मशहूर है कि कोस-कोस पर पानी बदले और कोस-कोस पर भाषा अर्थात यहां हर 10 किलोमीटर की दूरी के बाद भाषा बदल जाती है और पानी का स्वाद भी. लोगों को दूसरे की भाषा समझने में भी थोड़ी समस्या होती है. इसी को ध्यान में रखते हुए ये कार्यक्रम शुरू किया गया है जिससे लोग अधिक से अधिक भाषाओं के बारे में जान और समझ सकें. इसके अलावा अब बड़ा सवाल ये उठता है कि सरकार एक साथ इतने लोगों को भाषाओं के बारे में कैसे बताएगी. इसका भी आसान तरीका निकाला गया है. “एक भारत श्रेष्ठ भारत” या ईबीएसबी कार्यक्रम के तहत रोजाना हैशटैग के साथ ट्वीटर हैंडल पर एक वाक्य पोस्ट किया जाएगा. इस एक वाक्य का अनुवाद 21 क्षेत्रीय भाषाओं में भी दिखेगा, जो लोग क्षेत्रीय भाषाओं को जानने के शौकीन होंगे वो उस क्षेत्रीय भाषा में उस शब्द को पढ़ और लिख लेंगे, उसके बारे में उनको पता चल जाएगा. इसमें असमिया, बोडो, डोगरी, गुजराती, कन्नड़, कहमिरि, कोंकणी और मलयालम सहित अन्य भाषाएं शामिल की गई हैं.
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