दिल्ली: भारत में बढ़ते प्रदुषण पर रोक लगाने के लिए जल्द ही 22 इलेक्ट्रिक कारों के मॉडल्स जल्द उपलब्ध होंगे यह कहना है भारतीय सुप्रीम कोर्ट का और इस दिशा में महिंद्रा और टाटा मोटर्स जैसी घरेलू कंपनियां काफी तेजी से काम कर रही है.
सुप्रीम कोर्ट के जज न्यायमूर्ति मदन बी लोकूर तथा न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता को इस बारे में जानकारी वाहन निर्माताओं से दी गई. पीठ ने कंपनियों से पूछा की आप इलेक्ट्रिक कारों के बारे में क्या कर रहे हैं.यह जानकारी तब दी गई जब पीठ प्रदूषण से जुड़े एक मामले की सुनवाई कर रही थी. गौरतलब है कि न्यायालय दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में प्रदूषण के मुद्दे को उठाने वाली 1985 में पर्यावरणविद एम सी मेहता द्वारा लगाई गई जनहित याचिका के मामले में दर्ज एक पिटीशन की सुनवाई कर रहे हैं.
इस पीठ ने इलेक्ट्रिक कारों के मामले की आगे की सुनवाई के लिए 13 जुलाई का दिन तय किया और वकील से कहा, ‘अपने मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों से कहिए की वह इलेक्ट्रिक कारों में काम करें.’ इससे पहले उच्चतम न्यायालय ने डीजल गाड़ियों पर सब्सिडी तथा देश में आयातित इलेक्ट्रिक वाहनों पर 150 प्रतिशत आयात शुल्क को लेकर मुद्दा उठाया था. बता दें कि भारत में कई कम्पनिया इलेक्ट्रिक कारों पर काम कर रही है.
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