चेन्नई: तमिलनाडु के विल्लुपुरम और चेंगलपट्टू जिलों में कथित तौर पर जहरीली शराब पीने की वजह से हुई 22 लोगों की मौत के मामले में नया ट्विस्ट आ गया है. घटना के 2 दिन बाद मंगलवार (16 मई) को तमिलनाडु की पुलिस ने दावा करते हुए बताया है कि 22 लोगों की मौत जहरीली शराब पीने के कारण नहीं, बल्कि मेथेनॉल के सेवन से हुई है.
सूबे के DGP सिलेंद्र बाबू ने बताया है कि घटनास्थल से बरामद की गई शराब की जांच की तो पता चला है कि वो मेथेनॉल थी. उन्होंने कहा कि जब्त की गई शराब की जांच के लिए प्रयोगशाला भेजा गया था, जहां पाया गया कि वो मेथेनॉल है जिसे किसी कारखाने से चुराया गया था. सरकार ने मामले की जांच क्राइम ब्रांच-आपराधिक जांच विभाग (CBCID) के पास भेज दिया है. DGP ने कहा कि इस मेथेनॉल को अमरन ने ओथियूर से बेचा था. गिरफ्तारी और पूछताछ में जानकारी दी है कि उसने इसे मुथु से खरीदा था, जबकि मुथु इसे पुडुचेरी के एझुमलाई से खरीदा था.
उन्होंने कहा है कि घटना के सिलसिले में एक शख्स को अरेस्ट किया गया है, जिसकी अमावसई के रूप में शिनाख्त हुई है. DGP के अनुसार, वर्ष 2022 में नकली शराब के संबंध में कुल 1,40,649 केस दर्ज किए गए हैं. जिसके आधार पर अब तक 1,39,697 आरोपियों की गिरफ्तारी भी हुई है, जबकि 37,217 लीटर नकली शराब के साथ 2,957 वाहन बरामद किए गए हैं. बता दें कि गत माह बिहार में भी कुछ इसी प्रकार का मामला सामने आया था. जहां, मोतिहारी जिले में जहरीली शराब का सेवन करने के 20 से ज्यादा लोगों की जान चली गई थी. जबकि कईयों को अस्पताल में एडमिट कराना पड़ा था. बिहार एक ड्राई स्टेट है जहां पर शराब की बिक्री पर रोक लगी हुई है.
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