अमरीकी स्कूल में पूर्व छात्र के द्वारा की गई अंधाधुंध फायरिंग की घटना सभी के जहन में होगी. मामले पर फैसला सुनाते हुए गोलीबारी करने वाले किशोर को 23 साल कैद की सजा सुनाई गई. हादसा अमेरिका के ओहियो के एक हाई स्कूल में हुआ था. जनवरी 2017 में हुई इस घटना में घायल हुए लोगन कोले और अन्य ने घटना का पूरा ब्यौरा एक बार फिर अदालत के सामने दोहराया और शैंपेन काउंटी के जज से गोली चलाने वाले एले सेरना को अधिकतम सजा सुनाने की अपील की. जज ने चश्मदीदों और घटना से प्रभावित हुए बच्चों की गवाही के आधार पर ओहियो के वेस्ट लिबर्टी सलेम हाई स्कूल में हुई इस गोलीबारी के मामले में 18 वर्षीय सेरना को 23 साल के कैद की सजा सुनाई.
सेरना ने अदालत को बताया कि इसके पीछे कोई खास मकसद या वजह नहीं थी. लीबरमैन ने कहा कि वो इस बात से बेहद निराश हैं कि सजा सुनाते वक्त सेरना की मानसिक हालत पर ज्यादा गौर नहीं किया गया जबकि साइकोलॉजिस्ट ने पता लगाया था कि वो डिप्रेशन की एक बड़ी बीमारी से पीड़ित था.
बचाव पक्ष के वकील डेनिस लीबरमैन ने सेरेना के इस कदम के पीछे उसकी मानसिक बीमारी को वजह बताया. अधिवक्ता ने दलील दी कि उस वक्त 17 वर्ष के सेरना का मानना था कि वह देवता के आदेशों का पालन कर रहा था. इस वजह से उसने बाथरूम और स्कूल की क्लासेस में बंदूक से गोलियां चलाई थी. इस मामले के बाद अमरीका के गन पालिसी पर एक बार फिर से बहस शुरू हो गई थी.
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