भोपाल/ बालाघाट : जिसने भी वह दृश्य देखा उसकी रुलाई फूट पड़ी, क्योंकि नजारा ही ऐसा था.बालाघाट के जिस खैरी गांव में दो दिन पहले तक रौनक और चहल-पहल थी वहां गुरुवार को मातमी माहौल पसरा हुआ था.गुरुवार को जब एक साथ 24 लोगों की शव यात्रा निकाली गई तो यह मंजर देखकर गांव का हर व्यक्ति रो पड़ा.
गौरतलब है कि बुधवार को बालाघाट से 8 किमी दूर गांव खैरी में एक पटाखा फैक्ट्री में हुए धमाके से 22 लोग जिंदा जल गए थे, जबकि गंभीर रूप से घायल तीन लोगों को नागपुर, जबकि आठ अन्य को बालाघाट के अस्पताल में भर्ती कराया गया. इन घायलों में से तीन ने गुरुवार को इलाज के दौरान दम तोड़ दिया. इस तरह से मृतकों की संख्या 25 हो गई. गुरुवार को हीरापुर में जब एक साथ 24 लोगों का अंतिम संस्कार किया गया तो वहां बड़ा ही मार्मिक दृश्य देखा गया. हालात यह हो गए कि बुधवार को विस्फोट के बाद से ही पूरे गांव में मातम पसरा रहा. गुरुवार को एक साथ 24 शवों की अंतिम यात्रा निकाली गई, जिसमें गांव की महिलाएं भी शामिल हुईं. इस दौरान गांव के किसी भी घर में चूल्हा नहीं जला. शव यात्रा में मप्र के कृषि मंत्री गौरीशंकर बिसेन, सांसद बोध सिंह भगत, कलेक्टर भरत यादव सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण मौजूद थे.
आपको बता दें कि हादसे के समय कारखाने में 47 मजदूर काम कर रहे थे. प्रशासन ने शाम तक 22 मौतों की पुष्टि की थी. हालांकि, प्रशासन का मानना है कि मृतक संख्या और बढ़ सकती है. उधर, जिला प्रशासन ने हादसे में मारे गए लोगों के परिजनों को दो-दो लाख रु. की राहत राशि देने की घोषणा की है. बताया जा रहा है कि लाइसेंस लेकर एक झोपड़ीनुमा परिसर में पटाखों का यह कारखाना चलाया जा रहा था.जिसमें नियमों की कई अनदेखी की गई.
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