देहरादून: उत्तराखंड के नैनीताल से एक बड़ी खबर सामने आ रही है यहाँ चल रहे एक अवैध मदरसे को सील कर दिया गया है। जोली कोट इलाके में स्थित इस मदरसे को लेकर कुछ हैरान करने वाले खुलासे हुए, तत्पश्चात, वहाँ की पुलिस-प्रशासन में हंगामा मच गया। इस मदरसे में छापेमारी के चलते प्रशासन को कई अनियमितताएँ भी मिली हैं। 2010 से ही ये मदरसा यहाँ संचालित किया जा रहा था, यानी बीते 13 सालों से। कलेक्टर वंदना सिंह को इसके बारे में शिकायतें मिली थीं।
तत्पश्चात, हल्द्वानी की सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह एवं तहसीलदार संजय सिंह को मौके पर भेजा गया। जब टीम यहाँ चेंकिंग के लिए पहुँची तो 24 बच्चे रहते हुए मिले। हैरान करने वाली बात ये है कि ये सभी बीमार थे। बच्चे बहुत बीमार थे, मगर उनके उपचार के लिए कोई इंतजाम नहीं किया गया था। उनके हाथ-पाँव में चोट के निशान भी मिले हैं। बच्चों ने बताया है कि उनके साथ मारपीट की जाती थी, उनमें से कई भाग भी गए। सफाई व्यवस्था के निरीक्षण में भी कई गड़बड़ियाँ मिलीं। सिटी मजिस्ट्रेट ऋचा सिंह ने बताया कि कमरे भी गंदे थे तथा बच्चों के पीने के लिए साफ़ पानी तक उपलब्ध नहीं था। उनके रहने के लिए कोई साफ़ जगह नहीं थी। यहाँ तक कि उन्हें खाने के लिए भोजन तक ठीक से नहीं प्राप्त होता था। मदरसे में गन्दगी का ढेर लगा हुआ था। मदरसा सील करने के पश्चात् सभी बच्चों के अभिभावकों को बुलाया गया है तथा उनके साथ छात्रों को घर भेजा जा रहा है। तहकीकात की जा रही है कि बच्चों के शरीर पर चोट के निशान के क्या-क्या कारण हैं।
बता दे कि उत्तराखंड में तकरीबन 50 मदरसे ऐसे बताए जा रहे हैं, जिन्हें नियम-कानून का पालन किए बिना अवैध तरीके से संचालित किया जा रहा है। हालिया दिनों में ये पहला अवसर है, जब पहाड़ी प्रदेश में मदरसा सील करने की कार्रवाई की गई हो। उत्तराखंड में सीएम पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व वाली सरकार इसे लेकर सख्त है। यूपी में तो पहले ही मदरसों में राष्ट्रगान से लेकर स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में पढ़ाने का फैसला लिया गया है। वहाँ मदरसों के सिलेबस में गणित और विज्ञान अनिवार्य है।
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