नई दिल्ली: नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री (जनरल (डॉ) वीके सिंह ने गुरुवार को लोकसभा में एक लिखित उत्तर में राष्ट्रीय मुद्रीकरण पाइपलाइन (एनएमपी) के तहत अगले पांच वर्षों में 25 हवाई अड्डों के निजीकरण की सरकार की योजना का खुलासा किया।
एनएमपी के अनुसार, भुवनेश्वर, वाराणसी, अमृतसर, त्रिची, इंदौर, रायपुर, कालीकट, कोयंबटूर, नागपुर, पटना, मदुरै, सूरत, रांची, जोधपुर, चेन्नई, विजयवाड़ा, वडोदरा, भोपाल, तिरुपति, हुबली, इंफाल सहित 25 हवाई अड्डे का निजीकरण होगा।
राज्य मंत्रालय के अनुसार, हवाईअड्डों को इसलिए चुना गया क्योंकि वे मुद्रीकरण मानदंडों से मेल खाते थे, जिसमें वित्त वर्ष 2019 और 2020 में 0.4 मिलियन से अधिक यात्रियों का वार्षिक यातायात और राष्ट्रीय अवसंरचना पाइपलाइन (एनआईपी) के अनुसार एक महत्वपूर्ण चल रही, प्रस्तावित कैप्स योजना शामिल है।
नागरिक उड्डयन मंत्रालय के एक बयान के अनुसार "भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (एएआई) ने तमिलनाडु में तिरुचिरापल्ली (त्रिची) अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे की पहचान सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मोड के माध्यम से संचालन, प्रबंधन और विकास के लिए सार्वजनिक हित में और हवाई अड्डों के बेहतर प्रबंधन के लिए 13 हवाई अड्डों में से एक के रूप में की है।"
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