वाराणसी: एक समय भारत में पूरे विश्व की आधी आबादी रहा करती थी। सुनकर भले ही आपको आश्चर्य हो, किन्तु यह सच है। काशी हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) के एक जीन विज्ञानी ने अपनी स्टडी में यह दावा किया है। उनके दावे के अनुसार, भले ही आधुनिक मानव की उत्पत्ति अफ्रीका में हुई हो, लेकिन उसका पालन पोषण भारत में हुआ। जिसके फलस्वरूप आज से 25000 वर्ष पूर्व दुनिया की आधी आबादी का भारत में ही रहा करती थी।
रिपोर्ट के अनुसार, भारत की विभिन्न जातियों और जनजातियों के 6000 से अधिक माइटोकांड्रियल DNA यूरोप, पश्चिमी एशिया, पूर्वी एशिया, अफ्रीका और साइबेरिया के 10,000 DNA सैम्पलों के मिलान के बाद यह परिणाम सामने आया है। बता दें कि, DNA में म्यूटेशन के तौर पर हमारी पूर्व की पीढ़ियों की जानकारी छिपी होती है। जिसको वैज्ञानिकों ने बेसियन स्काईलाइन स्टेटिस्टिक्स के द्वारा डिकोड किया। भारत में मानव के इस असाधारण प्रकृति का उदाहरण आर्कियोलॉजी में भी पाया जाता है। जब माइक्रोलिथिक टेक्नोलॉजी का उद्गम भारत में 30,000 वर्ष पूर्व मिलता है। इसके उपयोग से भोजन की उपलब्धता बढ़ी। जिसने भारत में मानव के विकास की प्रक्रिया को रफ़्तार दे दी।
BHU के जंतु विज्ञान विभाग के जीन विज्ञानी और यह स्टडी करने वाले प्रो ज्ञानेश्वर चौबे ने जानकारी दी है कि 25,000 लोगों का DNA इस रिसर्च में शामिल है। पूरे भारत से लोगों के सैंपल भी कलेक्ट किया गया। DNA के म्यूटेशन की तुलना करके यह बताया जा सकता है कि कौन कितने वर्ष पूर्व कहां से आया। दो आबादियों ने एक दूसरे के साथ मिक्स होकर, एक दूसरे के साथ कैसे इंटरएक्ट किया ?
इस स्टडी में पता चला है कि भारत के किसी भी जाति-जनजाति के लोग एक कॉमन ग्रुप से जुड़े हुए हैं। 60 फीसद लोग 'हिपलो ग्रूप M' के साथ जुड़े हुए है। अफ्रीका से इंसान निकला और भारत पहुंचा। यहां उसे शेल्टर मिला। भोजन मिला। फिर मानव पूरी दुनिया में फैलता चला गया। इस प्रकार पता चला कि इंसान हर रीजन में विस्तार तो किया, मगर उसके पालन-पोषण का स्थान भारत ही था।
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