जयपुर: राजस्थान में कोरोना वायरस की वैक्सीन की बर्बादी को लेकर चर्चा जोर पकड़ रही है। जहाँ एक ओर राज्य में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस की सरकार कह रही है कि केंद्र सरकार राज्य की आवश्यकता के हिसाब से एक चौथाई कोरोना वैक्सीन भी नहीं दे रही है और वैक्सीन की किल्लत के कारण कई सेंटर्स बंद करने पड़े हैं, वहीं दूसरी ओर केंद्र सरकार द्वारा जारी किए गए आँकड़ों से राज्य की शासन-व्यवस्था की पोल खुल रही है।
केंद्र सरकार हर दिन इसका हिसाब देती है कि रोज़ कितने राज्यों को कितनी मात्रा में वैक्सीन दी जा रही है। केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने राजस्थान में वैक्सीन की बर्बादी का आँकड़ा 11.50 लाख बताया है। बता दें कि वैक्सीन के एक वायल में 10 डोज़ होते हैं और इतने लोग नहीं मिले, तो बाकी के बर्बाद हो जाते हैं। एक रिपोर्ट के मुताबिक, 8 जिलों के 35 टीकाकरण केंद्रों पर 500 वायल में लगभग 2500 से भी अधिक डोज तो केवल डस्टबिन में मिले हैं।
मीडिया संस्थान ने अपनी पड़ताल के हिसाब से बताया कि डस्टबिन के साथ मिले कोरोना वैक्सीन के 500 से ज्यादा वायल 20-75 फीसद तक भरे हुए थे। वहीं आँकड़ों की मानें तो 2021 में 16 जनवरी से लेकर 17 मई तक सूबे में 11.50 लाख से भी अधिक कोरोना वैक्सीन की डोज बर्बाद कर दी गई है। हालाँकि, इस पर गहलोत सरकार के आँकड़े अलग ही हैं। उसने कहा है कि राजस्थान में महज 2 फीसद वैक्सीन ही बर्बाद हुई है।
राहुल गाँधी जी पूछ रहे थे हमारे बच्चों के #Vaccine कहाँ हैं ?@RahulGandhi जी,कचरे के डिब्बों में हैं हमारे बच्चों के वैक्सीन
— Major Surendra Poonia (@MajorPoonia) May 31, 2021
आकर देखिये राजस्थान में???? pic.twitter.com/5NussFjPjg
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